रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी हत्या प्रकरण का पर्दाफाश,(फोटो साभार: X@haridwarpolice)
हरिद्वार पुलिस ने रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। जांच में सामने आया, कत्ल की साजिश किसी लिफ्ट मांगने वाले बदमाश ने नहीं, बल्कि मृतक के अपने ही बेटे ने रची थी। करोड़ों की संपत्ति को कब्जाने के लिए बेटे ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस क्राइम की पटकथा लिखी और अपने पिता को मौत के घाट उतरवा दिया।
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि शनिवार 29 नवंबर की देर रात भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी थी, कि वह पिता के साथ रोशनाबाद विवाह समारोह में शामिल होने जा रहा था। इस दौरान जटवाड़ा पुल के पास एक अज्ञात शख्स ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही उसके पिता को गोली मारकर फरार हो गया।
रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी हत्या प्रकरण का पर्दाफाश
थाना बहादराबाद, कोतवाली रानीपुर व सीआईयू टीम के संयुक्त प्रयास से बड़ा खुलासा
😱 कलयुगी बेटा निकला मास्टरमाइंड, दोस्तों संग रची पिता की हत्या की साजिश
💰 पिता की करोड़ों की प्रॉपर्टी पर थी बेटे की नज़र pic.twitter.com/CqsxNhWYcO
— Haridwar Police Uttarakhand (@haridwarpolice) December 1, 2025
मामले की गंभीरता को देखते हुए बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली व सीआईयू की संयुक्त टीमों को जांच में लगाया गया। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर यशपाल से पूछताछ की, तो वह हर घड़ी अपने बयान बदलने लगा। शादी में किस दोस्त के यहां जाना था, इस पर भी वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। यहीं से पुलिस को मृतक के बेटे पर संदेह उत्पन्न हुआ।
एसएसपी ने बताया, कि पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर आरोपित अपने जवाबों में ही लगातार उलझता रहा और आखिरकार उसने कबूल किया, कि पिता की हत्या उसी ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर करवाई है। पुलिस के मुताबिक, भगवान सिंह रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी थे और उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी। बेटे की गलत संगत के चलते दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था।
आरोपित बेटे ने पिता पर कई बार संपत्ति अपने नाम कराने के लिए दबाव बनाया था, लेकिन पिता ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और उसे संपत्ति से बेदखल करने तक की चेतावनी दी थी। इसी रंजिश के चलते बेटे ने अपने पिता को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। इस वारदात को अंजाम देने के लिए उसने अपने दो दोस्तों को भी इस योजना में शामिल कर दिया।
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ, कि यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से पिता की हत्या के बदले 30 लाख और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा तय किया था। तीनों ने 29 नवंबर की दोपहर नहर पटरी पर रेकी की और रात में वारदात को अंजाम दिया। रात करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता को दोस्त की शादी का झांसा देकर कार से साथ ले गया।
इस दौरान जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी राजन और शेखर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत यशपाल ने पिता से गाड़ी रुकवाई और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया। इसी दौरान राजन को उसने दोस्त बताकर कार में बैठाया। कार चलने के कुछ ही मिनट बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मार दी।
वारदात के बाद राजन मौके से फरार हो गया। घटना के कुछ देर बाद बेटे ने 112 पर कॉल कर पुलिस को गुमराह किया। इसके बाद पुलिस ने आरोपित यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन, शेखर को धर दबोचा। राजन की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा, एक खोखा कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े व जूते उसके किराये के कमरे से बरामद किये है।

