
आपदाग्रस्त इलाकों में पहुंची केंद्रीय टीम, (फोटो साभार : X@DIPR_UK)
सोमवार (8 सितंबर 2025) को केंद्र सरकार की उच्च-स्तरीय अंतर मंत्रालय की टीम के सदस्यों ने आपदा प्रभावित क्षेत्र थराली का स्थलीय निरीक्षण किया। साथ ही केंद्रीय टीमों ने चमोली जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र चेपडो,नंदा नगर, कर्णप्रयाग और जोशीमठ क्षेत्र का एरियल सर्वे भी किया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज कुलसारी में आपदा से हुए नुकसान का आकलन किया।
उत्तराखंड में आपदा से हुई क्षति का आकलन करने के उद्देश्य से भारत सरकार की अंतर मंत्रालय टीम सोमवार को चमोली जनपद स्थित थराली क्षेत्र के दौरे पर पहुँची। अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने किया, साथ ही टीम में विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। जिसमें सदस्य अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार शामिल रहे।
इस दौरान टीम ने हवाई सर्वे के साथ स्थलीय निरीक्षण कर आपदा से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया। टीम ने सबसे पहले थराली के चेपड़ो, कोटडीप, राड़ीबगड़, देवाल के मोपाटा और नंदानगर प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और साथ ही सड़क मार्ग से भी क्षतिग्रस्त इलाकों का निरीक्षण किया।
इस दौरान जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने कुलसारी रिलीफ सेंटर में आयोजित बैठक में पीपीटी के माध्यम से आपदा से हुई विभागवार परिसंपत्तियों की क्षति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने चेपड़ो बाजार एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्र में स्थानीय लोगों के आवासों के पीछे हो रहे भूस्खलन के बारे में टीम को विस्तार से जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने कहा, कि लगातार वर्षा एवं भूस्खलन से सड़कों, पुलों, भवनों, पेयजल योजनाओं, विद्युत तंत्र तथा कृषि को भारी क्षति पहुँची है। उन्होंने बताया, कि आपदा से लगभग ₹11,50 करोड़ की विभागीय परिसंपत्तियों की क्षति का आकलन किया गया है। जिलाधिकारी चमोली ने विकासखण्ड ज्योतिर्मठ के पल्ला गाँव में हो रहे भू-धसाव तथा नंदानगर क्षेत्र में लगातार सक्रिय भू-धसाव से भी टीम को अवगत कराया।
उन्होंने बताया, कि आपदा से चमोली जिले में 115 करोड़ से अधिक की क्षति हुई है। सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई की सड़कों का हुआ है। आपदा में एक युवती की मृत्यु और एक व्यक्ति लापता है। कई परिवारों के आशियाने उजड़ गए हैं। साथ ही 50 से अधिक दुकानों के क्षतिग्रस्त होने से लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
केंद्रीय टीम ने आपदा प्रबंधन एवं राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियों द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना की। साथ ही, उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पुनर्वास कार्यों, प्रभावित परिवारों को दी जा रही सहायता, राशन व चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, अस्थायी आश्रयों की व्यवस्था तथा सड़क मार्गों को शीघ्र खोलने के प्रयासों की जानकारी ली।
अंतर मंत्रालय केंद्रीय टीम का नेतृत्व कर रहें निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि उनके इस दौरे का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना है। उन्होंने कहा, कि भारत सरकार को प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों के लिए आवश्यक सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों की योजना शीघ्र बनाई जा सकेगी। रिपोर्ट के आधार पर आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, बुनियादी ढाँचे की बहाली तथा दीर्घकालिक सुरक्षा उपायों के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।