
(फोटो साभार - लॉ ट्रेंड/NDTV)
केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विभिन्न पहलुओं के संबंध में ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास नियम, 2025’ को अधिसूचित कर दिया है। इनमें संपत्तियों का पोर्टल और डाटाबेस, लेखा परीक्षा और खातों का रखरखाव शामिल हैं। ये नियम वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत बनाए गए हैं, जो 8 अप्रैल 2025 से लागू हुआ था।
नए नियमों के तहत, प्रत्येक वक्फ संपत्ति को एक यूनिक पहचान नंबर मिलेगा। मुतवल्ली (वक्फ प्रबंधक) को डिजिटल पोर्टल पर पंजीकरण के लिए मोबाइल और ई-मेल के जरिए OTP से अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी। यह प्रणाली रियल-टाइम निगरानी, विवादों के समाधान और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव पोर्टल और डाटाबेस के ऑपरेशनल कंट्रोल की निगरानी करेंगे। वक्फ नियमों के अधिसूचित होने का अर्थ है, कि कानून अब पूरी तरह लागू है। हालांकि इसके कुछ प्रावधानों को लेकर अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और नियमों में उन प्रावधानों को शामिल नहीं किया गया है।
इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी, उत्तरदायी और आधुनिक तकनीक से युक्त बनाना है। यह पहली बार है जब देशभर की वक्फ संपत्तियों को एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार का कहना है, कि यह पहल वक्फ संपत्तियों की गड़बड़ियों, अतिक्रमण और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जरूरी थी, जिसे कई बार संसद और ऑडिट रिपोर्टों में उजागर किया गया था।
इस नए नियम के अंतर्गत एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म केंद्रीय वक्फ प्रबंधन प्रणाली (Central Waqf Management System – CWMS) बनाया गया है। इसमें वक्फ संपत्तियों और उनके अतिक्रमण, विकास योजनाओं और वित्तीय जानकारी को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा। यह पोर्टल अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में वक्फ विभाग के संयुक्त सचिव के अधीन कार्य करेगा।
हर वक्फ संपत्ति को एक विशेष पहचान संख्या (ID) दी जाएगी जिससे उनकी निगरानी और भविष्य में निर्देश लेना आसान होगा। अब राज्य वक्फ बोर्डों की फाइलों में सीमित जानकारी की जगह सारी जानकारी सार्वजनिक पोर्टल पर मौजूद रहेगी। ये नियम वक्फ कानून से संबंधित वेबसाइट, डाटाबेस और वक्फ संपत्तियों, उनके रजिस्ट्रेशन, ऑडिट और खातों के प्रबंधन आदि विषयों से जुड़े मामलों को सुलझाएंगे।