सांकेतिक चित्र
देवभूमि उत्तराखंड में एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है, जो अन्य राज्यों से आए मुस्लिम व्यक्तियों का अवैध रूप से उत्तराखंड का स्थायी निवासी बनवा रहा था। इस रैकेट का भंडाफोड़ तब हुआ, जब कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बीते गुरुवार की देर शाम हल्द्वानी के बनभूलपुरा स्थित सीएससी सेंटर पर छापा मारा।
जनसुनवाई के दौरान मिली शिकायत के बाद कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने बनभूलपुरा जाकर स्वयं मौके पर जांच की। इस दौरान उन्होंने दस्तावेज लेखक फैजान मिकरानी को फर्जी डॉक्यूमेंट बनाते रंगे हाथ दबोचा। जांच में सामने आया, कि यह गिरोह स्थानीय निवासियों के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर बाहरी लोगों के लिए प्रमाण पत्र तैयार करता था।
ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है, कि दूसरे राज्यों के लोगों को अनुचित तरीके से उत्तराखंड का नागरिक बनाने के ऐसे सैकड़ों मामले है। जांच में यह भी पता लगा, कि रईस और जलीस नाम के व्यक्ति पहले से ही बनभूलपुरा में रहते हैं और उनका स्थायी निवास बना है, जिनके दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पूरे कांड को अंजाम दिया गया।
बनभूलपुरा में फर्जी प्रमाणपत्र गिरोह का खुलासा
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में एक कॉमन सर्विस सेंटर पर अचानक छापा मारा और वहां नकली स्थाई निवास प्रमाण पत्र सहित कई तरह के फर्जी दस्तावेज बनाए जाने का खुलासा किया। रईस अहमद नाम का व्यक्ति इन… pic.twitter.com/KRSRvAFxOZ
— Kumaon Jagran (@KumaonJagran) November 13, 2025
आयुक्त की मानें, तो इस प्रकार की संदिग्ध और आपराधिक गतिविधियों से प्रदेश की जानसांख्यिकीय में परिवर्तन का षड्यंत्र रचा जा रहा है। ऐसे में आयुक्त ने इसकी गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है, कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलों में ऐसी गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई करें।
जांच में यह भी खुलासा हुआ है, कि बनभूलपुरा में पहले से ही रईस और जलीस नाम के स्थानीय लोग रहते हैं, जिनके डॉक्यूमेंट्स का उपयोग कर यह फर्जीवाड़ा किया गया। बता दें, कि पिछले शनिवार को आयुक्त दीपक रावत हल्द्वानी स्थित अपने कैंप कार्यालय में जनसुनवाई कर रहे थे।
इसी दौरान बनभूलपुरा के रहने वाले रईस ने आयुक्त को बताया, कि उनके नाम व दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर बरेली के एक व्यक्ति को उत्तराखंड का स्थायी निवासी होने का प्रमाणपत्र दे दिया गया है। इसके बाद आयुक्त मामले की जांच में जुट गए। गुरुवार को आयुक्त स्वयं प्रशासनिक व पुलिस टीम के साथ बनभूलपुरा पहुंचे।
जांच में पता चला, कि तहसील के अरायजनवीस फैजान मिकरानी ने कुछ समय पहले ही बरेली से आए रईस व जलीस का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाया है। आयुक्त ने फैजान के घर से कई लोगों के आधार कार्ड, बिजली के बिल और अन्य जरूरी दस्तावेज बरामद किए।
फैजान ने जिस कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) से गलत तरीके से स्थायी निवास का प्रमाणपत्र बनवाया था, वह मौके पर बंद पाया गया। यह भी खुलासा हुआ, कि इस तरह के स्थायी निवास प्रमाण पत्रों को संबंधित क्षेत्र के पटवारियों ने भी आनलाइन सत्यापित किया है।
इस पर आयुक्त ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही संबंधित अरायजनवीस के लाइसेंस की जांच करने और बिना लाइसेंस के तहसील में दस्तावेज लेखन कार्य करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए है।
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया, कि इस मामले में अभी तहसील की तरफ से मुकदमा दर्ज जाएगा। इस तरह के अन्य कितने और मामले है, उनकी जाँच के लिए विस्तृत जांच भी करायी जाएगी। उत्तराखंड में इस तरह का अपराध किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाए।
