
CM धामी ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर मेधावी बालिकाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (11 सितंबर 2025) को कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 326 मेधावी बालिकाओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में सीएम धामी ने जनपद स्तर पर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा के प्रथम तीन टॉपर बालिकाओं एवं विकासखण्ड स्तर पर टॉपर बालिकाओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा, कि इस वर्ष भी बेटियों ने अपने परिश्रम, प्रतिभा और संकल्प के बल पर बोर्ड परीक्षाओं में अद्भुत प्रदर्शन किया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में कुल 90 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए, जिसमें बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 93 प्रतिशत से अधिक रहा और इंटरमीडिएट परीक्षा में 83 प्रतिशत विद्यार्थी सफल रहे, जिनमें बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 86 प्रतिशत से अधिक रहा।
सीएम धामी ने कहा, कि समाज की तरक्की नारी शक्ति से होती है। यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है, तो उस राज्य के विकास को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा, कि बेटियों के शिक्षित होने से आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी संवरता है।
LIVE: देहरादून में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा 'अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर आयोजित बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम
https://t.co/wZY2DsLqfz— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 11, 2025
मुख्यमंत्री ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ने प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना’, ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’, ‘मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना’, ‘नंदा गौरा योजना’ जैसी योजनाएँ प्रारम्भ की हैं। इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की बेटियाँ सरकारी सेवाओं में चयनित हो रही हैं एवं स्वयं सहायता समूहों, स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों के माध्यम से भी आत्मनिर्भर बन रही हैं।
सीएम धामी ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी सशक्तिकरण की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, ‘बालिका समृद्धि योजना’ जैसी योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित किया जा रहा है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना जैसी पहलों के माध्यम से मातृशक्ति का सम्मान किया गया है।
उन्होंने कहा, कि महिला छात्रावास के निर्माण, मुफ्त साइकिल योजना और ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य में बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि प्रदेश की कई बेटियाँ आगे चलकर सरकारी नौकरी में जाने का सपना देख रही हैं। उनके सपनों को साकार करने के लिए राज्य में देश का सबसे कठोर नकल-विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसका परिणाम है कि पिछले 4 वर्षों में राज्य में लगभग 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त हुई है।
कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा, कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया गया।
उन्होंने कहा, कि कन्या जन्म को प्रोत्साहित करना, बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देना इसके मुख्य उद्देश्य हैं, जिन दिशा में तेजी से कार्य हुए हैं। राज्य में भी इस अभियान के बाद बेटियों के लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा, कि राज्य सरकार बालकों के शिक्षा को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। इसी क्रम में शैक्षिक सत्र 2024- 25 में जिन बालिकाओं ने 10वीं और 12वीं में टॉप किया है। उन सभी बालिकाओं को बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के रूप में पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही 326 बालिकाओं को स्मार्ट फोन दिया गया है, क्योंकि डिजिटलाइजेशन के इस दौर में स्मार्ट फोन का होना काफी जरूरी है, ताकि इंटरनेट के जरिए तमाम जानकारियों हासिल कर सके।