
विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन, (फोटो साभार: X_@ANI)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी समारोह और विजयादशमी उत्सव का आयोजन गुरुवार (2 अक्तूबर 2025) को नागपुर में हुआ। इस अवसर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी उत्सव पर ‘शस्त्र पूजा’ की। समारोह में भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी उपस्थित रहे।
विजयादशमी उत्सव पर आरएसएस मुख्यालय के रेशमबाग मैदान में पारंपरिक और आधुनिक हथियारों की झांकी का प्रदर्शन किया गया। शताब्दी समारोह और विजयादशमी के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में देश के नागरिकों से स्वदेशी अपनाने की अपील की और पड़ोसी देशों में जारी उथल-पुथल का उल्लेख भी किया।
मोहन भागवत ने अमेरिका के साथ जारी टैरिफ विवाद का जिक्र करते हुए कहा, कि स्वदेशी वस्तुओं को और आत्मनिर्भरता को अपनाना ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, कि आपस में जुड़ी दुनिया में व्यापारिक साझेदारों पर भारत की निर्भरता लाचारी में नहीं बदलनी चाहिए और देश को स्वदेशी उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
संघ प्रमुख ने पड़ोसी मुल्कों में जारी उथल-पुथल का उल्लेख करते हुए कहा, कि प्रजातांत्रिक मार्गों से ही परिवर्तन संभव है। हिंसा से ऊथल-पुथल आती है, लेकिन पूरी तरह से परिवर्तन नहीं हुआ। हाल के समय में विभिन्न देशों में कथित क्रांतियां हुईं, लेकिन कहीं कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हो सका। पड़ोसी देशों में हिंसक ऊथल-पुथल होना हमारे लिए चिंता का विषय है। हमारा पड़ोसी देशों के साथ आत्मीयता का संबंध है। इससे चिंता होती है।
मोहन भागवत ने सरकार और सेना की तारीफ की। उन्होंने पहलगाम हमले के जवाब को निर्णायक बताया। उन्होंने कहा, कि सीमा पार से आए आतंकियों ने 26 भारतीयों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। इस आतंकी हमले से देश शोक और आक्रोश में था। पूरी तैयारी के साथ हमारी सरकार और सशस्त्र बलों ने करारा जवाब दिया।
#WATCH | During the centenary celebrations of the Rashtriya Swayamsewak Sangh, Sarsanghachalak Mohan Bhagwat says, "… Terrorists from across the border killed 26 Indians after asking their religion. The nation was mourning and angry about the terror attack. With complete… pic.twitter.com/24kaq7I6gf
— ANI (@ANI) October 2, 2025
संघ प्रमुख ने कहा, कि भारत सरकार का समर्पण, सशस्त्र बलों का पराक्रम और समाज में एकता ने देश में एक आदर्श वातावरण प्रस्तुत किया। इस घटना और हमारे ऑपरेशन के बाद विभिन्न देशों द्वारा निभाई गई भूमिका ने हमारे सच्चे मित्रों को उजागर किया। देश के भीतर भी ऐसे असंवैधानिक तत्व हैं जो देश को अस्थिर करने का प्रयास करते हैं।
मोहन भागवत ने कहा, “पहलगाम हमले से देश में भारी पीड़ा और आक्रोश फैला। हमारी सरकार ने पूरी तैयारी की और इसका कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा, कि चरमपंथी तत्वों को सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का सामना करना पड़ा है, जबकि समाज ने भी उनके ‘‘खोखलेपन’’ को पहचानकर उनसे दूरी बना ली है।”
उन्होंने कहा, कि संघ अपनी दृष्टि और परंपरा से चलते हुए 100 साल पूरे कर चुका है। स्वयंसेवक और समाज के संकलित अनुभव संघ का चिंतन है। सारी दुनिया आगे चली गई है, हम भी आगे चले गए हैं। अब अगर हम तुरंत पीछे आएंगे तो गाड़ी उलट जाएगी। ऐसे में हमें धीरे-धीरे परिवर्तन करने होंगे और अपना खुद का विकास पथ बनाकर दुनिया के सामने रखेंगे तो सही विकास होगा।