
हरिद्वार में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा रखी गई 'पतंजलि गुरूकुलम्' की आधारशिला, (तस्वीर साभार: ANI)
धर्मनगरी हरिद्वार स्थित पतंजलि गुरुकुलम के शिलान्यास समारोह में संतों और छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कि यदि भारतीय संस्कृति जीवित है और यह सनातन बनी हुई है, तो इसकी जीवंतता को बनाए रखने में इस देश के गुरुओं का सबसे बड़ा योगदान है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरु शिष्य परंपरा की श्रेष्ठता का उल्लेख करते हुए कहा, कि गुरुओं के नाम पर ही सनातन की पहचान है। सभी धर्म में मतभेद हो सकता है, लेकिन गुरु को सभी ने स्वीकार किया है।
शनिवार 6,जनवरी 2024 को हरिद्वार स्थित पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् शिलान्यास’ समारोह में पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा, कि लॉर्ड मैकाले को देश की पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को समाप्त करने और लोगों को मानसिक रूप से गुलाम बनाने के लिए भारत भेजा गया था। उन्होंने कहा, कि भारतीय मानस पर मैकाले की शिक्षा प्रणाली के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए ‘गुरुकुल’ का पुनरुद्धार आवश्यक है।
Uttarakhand | Chief Minister Pushkar Singh Dhami today laid the foundation stone of "Patanjali Gurukulam and Acharyakulam" along with the country's Union Defense Minister Rajnath Singh on the occasion of the 200th birth anniversary of Maharishi Dayanand ji and the birth… pic.twitter.com/bkSIim9CBC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 6, 2024
रक्षा मंत्री ने सुझाव दिया, कि शिक्षा के केंद्रों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ और ‘क्वांटम प्रौद्योगिकी’ जैसी उभरती प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, कि गुरुकुल परंपरा ने भारत का पूरे विश्व में स्थान दिलाया है। उन्होंने संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने की भी बात कही। जिससे आने वाली पीढ़ी संस्कृति के महत्व को समझ सके इसमें देश के गुरुकुल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भगवान श्रीराम फिर से अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं। आज चाहे काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर का निर्माण हो या बद्रीनाथ का मास्टर प्लान और केदारनाथ का पुनर्निर्माण हो। हर जगह काम हो रहा है।
सीएम धामी ने कहा, “गुरुकुल में गुरु शिष्य को कुलवाहक मान कर प्रशिक्षित करते हैं। इस गुरुकुलम् रूपी गंगोत्री से निकले छात्र भारतीय शिक्षा को विश्व में ले जाएंगे।” मुख्यमंत्री धामी ने योगगुरु स्वामी रामदेव से आग्रह करते हुए अपने संबोधन में कहा, “मेरा स्वामी जी से आग्रह है कि यहां के छात्रों को शिक्षा के साथ एनसीसी का भी ज्ञान दिया जाए। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार देश को गुलामी की मानसिकता से बाहर लाने का काम कर रही है।”
"मेरा स्वामी जी से आग्रह है कि यहां के छात्रों को शिक्षा के साथ एनसीसी का भी ज्ञान दिया जाए। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व वाली सरकार देश को गुलामी की मानसिकता से बाहर लाने का काम कर रही है।": मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami pic.twitter.com/NNuyy1IMzB
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) January 6, 2024
उल्लेखनीय है, कि पतंजलि योग पीठ का 29वां स्थापना दिवस व स्वामी दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती तथा गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानंद की जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 118 वर्ष पूर्व स्वामी दर्शनानंद द्वारा तीन बीघे जमीन, तीन ब्रह्मचारी और तीन चवन्नियों के साथ शुरू किए गए गुरुकुल का नाम स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर होगा। 10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पतंजलि गुरुकुलम के नए सात मंजिला परिसर में लगभग पंद्रह सौ छात्रों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।