पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है, कि उनका स्वास्थ्य बीती शाम को अचानक बिगड़ गया, जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था। हालाँकि चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह एक लंबे वक्त से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। इससे पहले भी उन्हें कई बार खराब स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में लिखा, भारत ने अपने सबसे सम्मानित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी को खो दिया है।
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
उन्होंने कहा, कि साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित सरकार के कई अहम पदों पर काम किया और देश की आर्थिक नीतियों पर गहरी छाप छोड़ी। संसद में उनके विचार भी हमेशा गहन और मार्गदर्शक रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाने के लिए अनेक प्रयास किए।”
92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। उन्हें आर्थिक सुधारों के लिए विशेषतौर पर याद किया जाता है। कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। वहीं कांग्रेस ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं।
गौरतलब है, कि साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में हुआ था। यह हिस्सा अब पाकिस्तान में है। अंग्रेजों के देश छोड़ने के वक्त हुए विभाजन के बाद मनमोहन सिंह का परिवार अमृतसर आकर बस गया।
जीवन में शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति के क्षेत्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। जवाहरलाल नेहरू के बाद वे पहले भारतीय थे, जो लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।