
केदारनाथ धाम
देवभूमि उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी होने से ठंड की शुरुआत हो गयी है। मानसून में बारिश और आपदाओं के कारण धीमी पड़ी चारधाम यात्रा ने अब फिर रफ्तार पकड़ ली है। चारधाम में सबसे ज्यादा क्रेज बाबा केदारनाथ का दिखाई दे रहा है। बीते बुधवार केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 16 लाख 56 हजार के पार पहुंच गयी।
पिछले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश और उच्च हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी होने के बाद भी यात्रियों में उत्साह कम नहीं हो रहा है। इसी क्रम में केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार को केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 56 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम के कपाट बंद होने में 15 दिन का समय बचा है।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल के दौरान केदारनाथ धाम के 16 लाख 52 हजार 76 यात्रियों ने दर्शन किए थे। जबकि इस साल अभी तक श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार हो चुकी है। बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद होंगे।
चारधाम यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ी है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आज यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम के कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में…
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) October 8, 2025
वहीं बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार द्वारा श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए है। यात्रा मार्ग में सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।
बता दें, कि इस साल 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है।
प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। जबकि यात्रा मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था। बारिश थमने पर भी यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया।
प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों से बार-बार आगाह किया जा रहा है, कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें। वहीं सीएम धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है, कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए है, कि सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।