
राजधानी देहरादून में आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद थाना राजपुर और नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय द्वारा भेजे गए डेटा की जांच में फर्जीवाड़े का पता चला। अब दोनों थाने की पुलिस ऐसे सभी मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुट गई है।
बता दें, कि सीएम धामी ने सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ उठाने वालो के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून और स्वास्थ्य विभाग की ओर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को तहरीर दी गई। जिसमें बताया गया, कि सरकार द्वारा पांच लाख से कम सालाना आय वाले लोगों के राशन कार्ड बनाए जाते हैं।
तहरीर में बताया गया, अपात्र लोगों की ओर से राशन कार्ड बनाए जाने की शिकायत मिलने पर पूर्ति विभाग ने राशन कार्डो की जांच की तो कई लोगों के राशन कार्ड फर्जी पाए गए। इसी आधार पर यह लोग अपने आयुष्मान कार्ड बनाते हुए अनुचित रूप से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले रहे थे। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज है।
Uttarakhand | A complaint was given to the Senior Superintendent of Police, Dehradun, by the District Supply Officer, Dehradun, and the Ayushman Department. It was said that the government makes ration cards for people with an annual income of less than five lakhs. Upon receiving…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 5, 2025
थाना राजपुर में दर्ज शिकायत के अनुसार, फर्जी राशन कार्डों के आधार पर बनाए गए 9,428 आयुष्मान कार्डों में से अब तक 150 कार्ड निरस्त किए जा चुके है, जबकि अन्य कार्ड निरस्त करने की भी कार्रवाई जारी है। जांच में निरस्त किए गए 136676 राशन कार्ड के सापेक्ष 9,428 आयुष्मान कार्ड फर्जी बने हुए पाए गए हैं। जिनको निष्क्रिय करने की प्रक्रिया गतिमान है।
वहीं आयुष्मान कार्ड के फर्जीवाड़े में किसी गिरोह के सक्रिय होने की संभावना भी जताई जा रही है। साथ ही इन आयुष्मान कार्ड से करोड़ों रुपए का अनुचित लाभ भी उठाया गया होगा। बता दें, कि जिलाधिकारी देहरादून की सख्ती के बाद राशन कार्डों के सत्यापन अभियान ने जोर पकड़ा।
जिला पूर्ति कार्यालय, राशनकार्ड प्रभारी, शशांक चौधरी के मुताबिक, शासन के निर्देशानुसार राशन कार्डों का सत्यापन किया गया, जिसके तहत 1,36,676 राशन कार्ड में से कुछ फर्जी तरीके से बनाए गए हैं, जबकि कुछ निष्क्रिय है और कुछ में राशनकार्ड धारक मर चुके हैं। ऐसे राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं।
राशनकार्ड प्रभारी के अनुसार, निरस्त किए गए राशन कार्डों की संख्या अधिक होने के कारण ऐसा प्रतीत होता है, कि कुछ लोगों द्वारा गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर राशन कार्ड बनवाए गए है। निरस्त किए गए कार्डों पर जिलाधिकारी और जिला पूर्ति अधिकारी ने कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए है।
इस संबंध में एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया, कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अतिरिक्त निदेशक (आईटी) अमित शर्मा की शिकायत पर थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही जिला पूर्ति कार्यालय के राशनकार्ड प्रभारी शशांक चौधरी की शिकायत के आधार पर कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया।
उन्होंने बताया, कि पुलिस द्वारा दोनों थाने में मुकदमा दर्ज कर अब ऐसे सभी मामलों को चिन्हित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ताकि अपात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं के अनुचित लाभ से रोका जा सके। दोनों मामलों में पुलिस गहनता से विवेचना कर रही है।