
पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्विपक्षीय बैठक,(चित्र साभार: ANI)
दो दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में करीब 4 घंटे तक मुलाकात हुई। 13 फरवरी 2025 को राजधानी वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी की मेजबानी की गई। इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में भारत-अमेरिका की साझेदारी को महत्वपूर्ण ताकत बताया, जो आपसी विश्वास, साझा हितों, सद्भावना और अपने नागरिकों की मजबूत भागीदारी पर आधारित है।
गौरतलब है, कि पीएम मोदी और ट्रंप की इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोबारा वापसी के बाद पीएम मोदी की यह पहली अमेरिकी यात्रा थी। पीएम मोदी फ्रांस से सीधे अमेरिका गए थे। यूएस में प्रधानमंत्री ने एलन मस्क, वाल्ट्ज समेत अन्य कई दिग्गजों हस्तियों से मुलाकात की।
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच टेररिज्म से लेकर टैरिफ जैसे गंभीर वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई। भारत-अमेरिका के बीच नई रक्षा रूपरेखा को मजबूत करने और व्यापार, ऊर्जा और महत्वपूर्ण तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। बता दें, कि पीएम मोदी सफल अमेरिकी यात्रा के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, बहुपक्षीय सहयोग तथा दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क को लेकर अहम निर्णय लिए गए। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग को लेकर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कि इस साल से लॉकहीड मार्टिन F-35 लाइटनिंग II भी भारत को उपलब्ध कराए जाएँगे। साथ ही 21वीं सदी में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10 वर्षीय फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर करने की घोषणा भी की।
दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने वायु, भूमि, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस में नवीनतम तकनीकों को शामिल करते हुए उन्नत प्रशिक्षण, अभ्यास और संचालन के जरिए सैन्य सहयोग को बढ़ाने का संकल्प लिया। भारत अमेरिका ने व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने का संकल्प लिया है। इसके लिए ‘मिशन 500’ तैयार किया गया है। इस योजना का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक करके 500 बिलियन डॉलर करना है।
Sharing my remarks during meeting with @POTUS @realDonaldTrump. https://t.co/kSqmLuxiPs
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2025
भारत और अमेरिका ने तेल, गैस और असैन्य परमाणु ऊर्जा सहित अमेरिका-भारत ऊर्जा सुरक्षा साझेदारी के लिए फिर से प्रतिबद्धता जताई। साथ ही दोनों देशों ने अपने नागरिकों को किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए हाइड्रोकार्बन के उत्पादन को बढ़ाने पर भी सहमति जताई है। इसके साथ ही दोनों देशों ने रणनीतिक खनिज की खोज करने का ऐलान किया। इसमें एल्यूमीनियम, कोयला खनन और तेल एवं गैस के अलावा लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ खनिज शामिल हैं।