पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के जनजाति बहुल गाँवो के विकास के साथ ही ग्रामीणों की आजीविका सुधारने में पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के सात जनपदों के 15 ब्लॉकों में 128 जनजाति बाहुल्य गांवों का चयन किया गया है। इसी क्रम में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जनजातीय ग्रामों में कैंप लगाकर जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत राज्य के सात जिलों के 128 गांवों को चयनित किया गया है। इस पहल को सफल बनाने के लिए 17 विभाग संयुक्त रूप से काम करेंगे। राज्य सरकार ने अभियान के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाए है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिए है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को सभी जनजातीय ग्रामों में कैम्प लगाकर जनजातीय समुदायों के लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्य करने वाले सभी 17 विभागों को… pic.twitter.com/ZC58qpVNCu
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) September 24, 2024
बीते मंगलवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए, कि वे सभी जनजातीय ग्रामों में कैंप लगाकर जनजातीय समुदाय के लोगों को जनजाति प्रमाण पत्र प्रदान करें। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कार्य कर रहे सभी 17 विभागों से नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए है।
ये नोडल अधिकारी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री उन्नत ग्राम योजना के संबंध में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित मंथन शिविर में भाग लेंगे। बता दें, कि पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम में हर परिवार के पास पक्का घर, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क समेत सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी। चयनित गांव में संबंधित विभागों को कार्य योजना तैयार करनी है, जो केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित होगी।