भारत में वैसे को त्योहारों में मिठाइयों के आदान – प्रदान का प्रचलन है, परन्तु पिछले कुछ सालो में विशेष कर युवाओ के द्वारा मनाये जाने वाले वैलेंटाइन वीक के दौरान चॉकलेट (Chocolate) को एक गिफ्ट के रूप में दिए जाने का रिवाज बखूबी पनपा है। अक्सर लोग चॉकलेट के सेवन को सेहत के हानिकारक मानते है। लेकिन अगर चॉकलेट का सेवन सीमित मात्रा में किया जाये, तो यह शरीर को अनेक फायदे भी पहुँचती है।
प्राचीन काल में अमेरिका के लोग चॉकलेट को “देवताओ का भोजन” कहा करते थे। इसके साथ ही माया सभ्यता में इसे औषधि के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता था। शोधकर्ताओं के शोध के अनुसार चॉकलेट बच्चो के मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है। इसके साथ ही दिमाग को तेज करने के अलावा यह नर्वस सिस्टम के लिए बेहद लाभकारी होता है।
चॉकलेट के सेवन से मानव मस्तिष्क में गुड हॉर्मोन्स कि सक्रियता बढ़ जाती है। चॉकलेट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स तनाव के स्तर कम करने के साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में भी लाभकारी साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञो के अनुसार डार्क चॉकलेट के सेवन से उच्च रक्तचाप संतुलित रहता है।
एक सीमित मात्रा में चॉकलेट के सेवन से शरीर की त्वचा को भीतर से पोषण मिलता है, नमी मिलने के कारण त्वचा खूबसूरत और सेहतमंद बनती है। डार्क चॉकलेट के सेवन से महिलाओ को होने वाले मासिक धर्म की पीड़ा और ऐंठन से भी छुटकारा मिलता है।
डार्क चॉकलेट में फैटी एसिड की अच्छी मात्रा में पायी जाती है। चॉकलेट में फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और मैगनीज जैसे तत्व भी पाए जाते है। वर्त्तमान समय में चॉकलेट के सेवन से कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाया जा सकता है।
विशेषज्ञो के अनुसार डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाला फ्लेवनॉल्स एंडोथेलियम को उत्तेजित करने में सहायक होता है। जिसकी वजह से कोशिकाओं और धमनियों को आराम मिलता है।