पुनर्जन्म अर्थात मृत्यु के बाद फिर से एक नए शरीर में जन्म लेने को माना जाता है। इस आध्यात्मिक विषय में विज्ञान तो कोई ठोस तर्क प्रस्तुत कर नहीं पाया है, लेकिन हिंदू धर्म के दर्शन में आत्मा या जीवन का कोई अंत नहीं होता, मात्र उसका रूप बदलता रहता है। पुनर्जन्म के विषय में कई किस्से – कहानियाँ लोग अपने जीवन काल में बड़ी रोचकता के साथ सुनते है, लेकिन इन पर विश्वास करना या नहीं करना व्यक्ति के विवेक पर निर्भर करता है।
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Rajasthan Punarjanam Story : जलकर मरी विवाहिता का हुआ पुनर्जन्म,पिछले जन्म की मां का फोटो देखकर खूब रोई 4 साल की मासूम https://t.co/ITLdPaNujL via @kooIndia— India News (@IndiaNews_itv) January 22, 2022
आधुनिक युग में जहां प्रत्येक मान्यताओं को तर्क की कसौटी पर परखा जाता है, वहीं कुछ अविश्वसनीय बातों को पूरी तरह से नजरअंदाज करना भी मुश्किल होता है। मीडिया रिपोर्ट्स में एक ऐसी ही पुनर्जन्म की कहानी निकल कर सामने आयी है, जिसमे दावा किया जा रहा है, राजस्थान में एक 4 साल की छोटी बच्ची ने अपने पुनर्जन्म को लेकर जो दावे प्रस्तुत किये है, वे वाकई में अचंभित करने वाले है।
राजस्थान के परावल गांव की घटना
ऑपइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महज चार वर्षीय बालिका ने अपने पूर्व जन्म और मृत्यु की पूरी घटना का पूरा विवरण दिया है। इस दौरान बच्ची पिछले जन्म में माता रही महिला की तस्वीर देखकर रोने लगी। बच्ची द्वारा कही बातों को सुनकर उसके माता पिता समेत गाँव वालों भी हैरान है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना राजस्थान के नाथद्वारा से सटे गाँव परावल में सामने आयी है।
पिछले एक वर्ष से कर रही बच्ची ‘भाई’ से मिलने की जिद
परावल गांव के रहने वाले रतन सिंह चूंडावत की पांच पुत्रियाँ है। रतन सिंह पेशे से एक होटेलियर है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक वर्ष से रतन सिंह की चार वर्षीय बालिका कई बार अपने भाई से मिलने की बात कह रही थी। जानकारी के अनुसार, शुरुआत में रतन सिंह ने इस बात को नजरअंदाज किया, लेकिन जब बच्ची ने अपने परिजनों पर अधिक जोर डाला, तो बच्ची के परिजनों ने खोजबीन शुरू की।
पिछले जन्म का नाम ऊषा बताया
इंडिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची ने अपने परिजनों को बताया था, कि वह पिपलांत्री गाँव की रहने वाली है। इस गांव में एक ऊषा नाम की महिला की जलने से मृत्यु हुई थी। बच्ची का जन्म जिस गांव में हुआ है, वहां से उस पिपलांत्री गाँव की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। बच्ची के अनुसार, 9 साल पहले एक हादसे में जलकर उसकी मृत्यु हो गई थी। बच्ची ने बताया, कि जलने के बाद उसे उसके दो भाइयों और दो बहनों के साथ ही एंबुलेंस में ले जाया गया था।
खोजबीन में सही निकली बातें
रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची ने बताया, कि उसके पापा ट्रक चालक थे, और इसके साथ बच्ची ने खेतो और घर के बाहर लगे फूल के पौधे के बारे में भी बताया। बच्ची द्वारा दिए गए विवरण के बाद बच्ची के परिजन उसे लेकर 30 किलोमीटर दूर स्थित पिपलांत्री गांव पहुंचे। स्थानीय निवासियों से प्राप्त जानकारी में बच्ची द्वारा बताई गयी घटना, कि गाँव में नौ वर्ष पूर्व एक 32 वर्षीय महिला की मौत के कारण और पारिवारिक हालात वैसी ही सामने आई है, जैसा उस चार वर्षीय बच्ची ने विवरण दिया था।
दोनों परिवारों में आयी घनिष्ठता
रिपोर्ट के अनुसार, 14 जनवरी, 2022 के दिन बच्ची के परिजन उसे पिपलांत्री गांव ले गए, तो स्वाभाव से अपनी माँ के सिवा और किसी से बात करने में कतराने वाली बच्ची ने पूरे गाँव और पूर्व जन्म के सभी रिश्तेदारों के साथ खूब आराम से बात करती और खेलती हुई नजर आयी। इस अद्भुत घटना के बाद बच्ची और पिछले जन्म में ऊषा के परिवार के बीच मानवीय रिश्ता कायम हो गया है। ऊषा की मां का कहना है , कि हमें ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे ऊषा ही हमसे बात कर रही है।