कभी स्वच्छ पर्यावरण के लिहाज से मुफीद माने जाने वाले दून शहर की आबोहवा दिन-प्रतिदिन दूषित होती जा रही है। प्रदेश के ज्यादातर मैदानी शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से हवा की गुणवत्ता घट रही है। विशेषकर देहरादून में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि अब प्रदूषण और यातायात की भीड़भाड़ से निपटने के लिए देहरादून जिला प्रशासन जल्द ही शहर में नौ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा।
जिलाधिकारी, देहरादून सविन बंसल ने मीडिया को बताया, कि देहरादून नगर निगम (डीएमसी) ने सर्वेक्षण के बाद नौ ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए स्थानों का चयन किया है। उन्होंने बताया, कि “परियोजना शून्य-निवेश मॉडल पर आधारित होगी। ब्लू-चिप कंपनियों को सरकारी जमीन का एक छोटा भू-खंड प्रदान किया जाएगा, जो ईवी चार्जिंग स्टेशन का आवश्यक बुनियादी ढाँचा स्थापित करेंगे।”
डीएम देहरादून ने मीडिया को बताया, कि राजस्व-साझाकरण मॉडल पर अभी निर्णय होना शेष है।” उन्होंने कहा, कि परियोजना को शुरू होने में दो महीने वक्त लग सकता है, लेकिन इस वित्तीय वर्ष के भीतर पूरी तरह से ईवी चार्जिंग स्टेशन को चालू करने के लिए जिला प्रशासन संपूर्ण प्रयास कर रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन की योजना देहरादून शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाकों जैसे गांधी पार्क, रिस्पना पुल, घंटाघर और आईटी पार्क के आस-पास के इलाकों में नौ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की है। गौरतलब है, कि देहरादून में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने में इन नौ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन से काफी मदद मिलेगी।
इसके साथ ही सहायक बुनियादी ढाँचा तैयार होने के बाद दूनवासियों को ईवी की ओर रुख करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक स्टेशन पर एक साथ दो वाहन एक बार चार्ज होने में 45-50 मिनट का समय लेंगे। अधिकारियों ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, कि सार्वजनिक परिवहन के चार पहिया वाहन भी इन स्टेशनों का उपयोग कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है, कि देहरादून में वाहनों की बढ़ती तादात वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। हालांकि देहरादून शहर में तेजी से बढ़ रहे निर्माण कार्यों से धूल और अन्य नुकसानदायक कणों का उत्सर्जन भी बढ़ा है, जो वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है। वहीं आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाले उत्सर्जन से भी शहर में वायु प्रदूषण बढ़ा है।