एप्पल (Apple) कंपनी ने अपने iPhone 15 सीरीज के दो मॉडल बनाने के लिए भारत को चुना है। टाटा ग्रुप एप्पल के आगामी मॉडल iPhone 15 और iPhone 15 Plus को भारत में असेंबल करेगा। उल्लेखनीय है, कि इससे पूर्व भारत में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और लक्सशेयर जैसी कंपनियाँ iPhone को असेंबल कर रही है, लेकिन अब इस दौड़ में टाटा समूह भी शामिल हो गया है। टाटा ग्रुप भारत में iPhone बनाने वाली चौथी कंपनी बनेगी।
TrendForce की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक स्तर पर में टाटा ग्रुप को iPhone 15 और iPhone 15 Plus के उत्पादन का एक छोटा हिस्सा ही मिलेगा। इसका तात्पर्य यह है, टाटा ग्रुप दोनों मॉडल्स का सिर्फ 5 फीसदी ही असेंबल करेगा। वहीं, फॉक्सकॉन नए आईफोन के नियमित वेरिएंट के 70 प्रतिशत और लक्सशेयर रेगुलर वेरिएंट का 25 प्रतिशत असेंबल करेंगी। बताया जा रहा है, कि लक्सशेयर को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 60 प्रतिशत और पेगाट्रॉन को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 35 प्रतिशत मिला है।
Tata Group will start making #iPhones in #India atleast 5% of all iPhones sold globally in 2023. The group will also start making #iPhone15 and #iPhone15Plus later this year, and will have their production quotas increased.
📲@marketdigits for more.#tatagroup #ratantata #tata pic.twitter.com/5FheLk4Czx
— Market Digits (@market__digits) May 16, 2023
गौरतलब है, कि टाटा ग्रुप पहले ही बेंगलुरु में विस्ट्रॉन का आईफोन प्लांट खरीद चुका है, जहाँ iPhone 15 सीरीज को असेंबल किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में iPhone सीरीज को लॉन्च किया जाता है। इस साल एप्पल की तरफ से iPhone 15 को सितंबर में लॉन्च किया जा सकता है। 2023 में आईफोन सीरीज के चार मॉडल- आईफोन 15, आईफोन 15 प्लस, आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स इसमें शामिल हो सकते है।
दरअसल, वैश्विक कोरोना महामारी और भू-राजनीतिक संबंधों के चलते पैदा हुए तनाव के बाद Apple का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। वहीं चीन से दूर Apple की उत्पादन सप्लाई चेन के चल रहे बदलाव ने टाटा ग्रुप को iPhone असेंबल करने का ऑर्डर प्राप्त करने में मदद की है।
बता दें, कि 2022 में चीन के झेंगझू में स्थित एप्पल के प्लांट में कर्मचारियों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को हंगामा करते और लाठी से सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए देखा गया था। इस हिंसा का कारण वेतन का भुगतान और प्लांट में कठोर कोविड गाइडलाइन को लेकर था।
चीन में स्थित एप्पल के इस फैसिलिटी सेंटर में करीब 3,00,000 कर्मचारी काम करते थे और यहाँ iPhone प्रो के 85 प्रतिशत हिस्से का कार्य होता था। इसकी हंगामे की वजह एप्पल अपनी उत्पादन फैक्ट्री को चीन से निकालकर भारत और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में स्थानांतरित करना चाहता है।