
PM मोदी ने विशाखापट्टनम में मनाया 11वाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (फोटो साभार: X@BJP4India)
दुनियाभर में शनिवार (21 जून 2025) को 11वाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम में आयोजित योग कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने 40 देशों के लगभग 3 लाख से अधिक लोगों के साथ मिलकर योग साधना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए योग दिवस के आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, कि जब उन्होंने 2015 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को दुनियाभर में मनाने की बात कही थी, उस समय उनके साथ लगभग 175 देश खड़े हुए थे। पीएम मोदी ने कहा, कि आज उन्हें ये देखकर खुशी होती है कि योग लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है। गर्व होता है जब वो देखते हैं कि दिव्यांग साथी कैसे ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ाते हैं। गाँव-गाँव के साथ योग ओलंपियाड में भाग लेते हैं।
LIVE: PM Shri @narendramodi takes part in 11th International Day of Yoga celebrations in Visakhapatnam, Andhra Pradesh. #YogaDay https://t.co/t7IJ09EYQZ
— BJP (@BJP4India) June 21, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आह्वान करते हुए कहा, “आइए हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएँ। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहाँ हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहाँ हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहाँ योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। और जहाँ Yoga For One Earth, One Health, एक वैश्विक संकल्प बन जाए।”
पीएम मोदी ने समझाया, कैसे योग की सीमा नहीं है। ओपेरा हाउस की सीढ़ियाँ हो या एवरेस्ट की चोटियाँ, समुंदर का विस्तार हो, संदेश बस एक ही जाता है कि योग सभी का है और सभी के लिए है। उन्होंने दुनिया के हालातों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज जब चारों ओर तनाव, अशांति और अस्थिरता है तो योग ही है जो शांति का रास्ता दिखाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मीट टू वी’ भाव को समझाते हुए कहा, कि योग को सिर्फ पर्सनल प्रैक्टिस न बनाया जा बल्कि ग्लोबल पार्टनरशिप का माध्यम बनाया जाए। भारत इसके प्रचार-प्रसार के लिए योग के साइंस को आधुनिक रिसर्च से विस्तृत कर रहे हैं।