
सांकेतिक चित्र, (फोटो साभार: canva.com)
उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रदेश के मेघावी छात्र-छात्राओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। दरअसल, सरकार राज्य के टॉपर छात्र-छात्राओं को एक दिन का सांकेतिक जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बनाकर जिले की प्रशासनिक और कानून व्यवस्था की कमान सौंपने जा रही है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य बच्चों को प्रोत्साहित कर उनके प्रशासनिक अनुभव और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है, कि जनपदों के उन छात्रों का रिकॉर्ड तैयार किये जाये, जो दसवीं व बारहवीं कक्षा की परीक्षा में शीर्ष स्थान पर आए है। टॉपर्स की सूची तैयार कर यह सुनिश्चित किया जाए, कि उन्हें अपने-अपने जिले में ही एक दिन का जिलाधिकारी और एसपी का सांकेतिक दायित्व सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यालय द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, शीघ्र ही प्रदेश में इस योजना को लागू किया जाएगा। संभावना व्यक्त की जा रही है, कि इस वर्ष बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को भी यह अवसर मिल सकता है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के टॉपर्स को प्रोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाते हुए उन्हें एक दिन के लिए सांकेतिक जिला मजिस्ट्रेट (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) की भूमिका दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही माननीय मुख्यमंत्री जी ने जन…
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) June 16, 2025
गौरतलब है, कि उत्तराखंड से पहले भी अन्य दूसरे राज्यों में इस तरह की पहल हुई है। जहां पर जिला स्तर पर प्रतिभाशाली छात्रों अथवा स्पेशल चाइल्ड को इस तरह से प्रशासनिक कुर्सी में बैठाकर विशेष अनुभव करवाया गया। हालांकि उत्तराखंड सरकार इसके लिए बाकायदा एक योजना तैयार कर रही है।
इसके सराहनीय पहल के साथ ही उत्तराखंड सरकार अब सभी जिलों में सफाई, पुनर्जीवित और संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी उत्सव का आयोजन करवाने जा रही है। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है, कि अधिक से अधिक बच्चों को देवभूमि उत्तराखंड की धरोहर नदियों, सफाई के संदेश, नदी नालों की जानकारी और लोक संस्कृति से जोड़ा जाए।
इसके योजना के लिए बाकायदा एक ‘नदी उत्सव’ कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश सरकार जल्द ही करवाने जा रही है। यह कार्यक्रम सभी जिलों में आयोजित किया जायेगा। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे। दरअसल सरकार का इसके पीछे उद्देश्य है, कि पर्यावरण संरक्षण से छात्रों और आम जनता को आसानी से जोड़ा जाए।