
स्यानाचट्टी में बनी अस्थाई झील को खोलने प्रयास जारी, (फोटो साभार : X@DIPR_UK)
यमुना घाटी के स्यानाचट्टी कस्बे का ज्यादातर हिस्सा यमुना नदी में झील बनने से जलमग्न हो गया है। अस्थाई झील को खोलने लिए प्रशासन द्वारा सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। झील को बेहद कंट्रोल्ड तरीके से पंचर कर दिया गया है। आज हल्के ब्लास्ट से पानी को डिस्चार्ज करने की शुरुआत हुई। इससे झील का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। हालांकि, खतरा अब भी बरकरार है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं भी हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को सीएम धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास को निर्देश दिए हैं, कि उत्तरकाशी जनपद के स्यानाचट्टी में मलबा आने से बनी झील से पानी की निकासी हेतु जिला प्रशासन व सभी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन व पुनर्वास को निर्देश दिए हैं कि उत्तरकाशी जनपद के स्यानाचट्टी में मलबा आने से बनी झील से पानी की निकासी हेतु जिला प्रशासन व सभी एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री स्वयं भी हालात पर लगातार… pic.twitter.com/tvNdqJOegX
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सीएम धामी ने ने एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सिंचाई विभाग को युद्धस्तर पर चैनलाइजेशन व जल निकासी का कार्य करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है, कि सुरक्षित स्थानों में ठहराए गए लोगों और स्यानाचट्टी के निवासियों के लिए भोजन, गैस, दवाइयों, पेट्रोल-डीजल व अन्य आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया, कि फिलहाल झील के एक हिस्से से जल निकासी हो रही है, पर दलदल की स्थिति के कारण चैनलाइजेशन अभी संभव नहीं। राहत दल अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने स्थानीय लोगों से धैर्य बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पूरे क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
शुक्रवार को जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य भी राफ्ट के माध्यम से झील के दूसरे किनारे पर स्यानाचट्टी के ग्रामीणों से मिलने के लिए पहुंचे और उन्हें झील जल्द खोलने और हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया, कि अस्थाई झील को खोलने लिए प्रशासन द्वारा सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं । झील का जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है।
उत्तरकाशी जनपद के स्यानाचट्टी में बनी अस्थाई झील को खोलने लिए प्रशासन द्वारा सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं । झील का जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी श्री प्रशांत आर्य भी राफ्ट के माध्यम से झील के दूसरे किनारे पर स्यानाचट्टी के लोगों से वार्ता करने पहुंचे और… pic.twitter.com/GOLGMU9eN2
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बता दें, कि स्यानाचट्टी में पहले से ही गढ़गाड़ से मलबा यमुना नदी में आने से झील निर्मित हो रही थी। जिससे धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ रहा था, लेकिन बीते गुरुवार 21 अगस्त को अचनाक से गढ़गाड़ में ज्यादा मलबा और बोल्डर आने से यमुना नदी का प्रवाह रुक गया और अस्थायी झील बन गई।
क्षेत्र में बारिश के कारण जिला प्रशासन के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें खरादी में तैनात हैं। हालांकि, स्यानाचट्टी में बना यमुनोत्री हाईवे का पुल भी झील के बढ़ते जलस्तर में आधा डूब गया है। इस वजह से राहत और बचाव दल आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं, जिससे बचाव कार्य में बड़ी बाधा आ रही है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने तुरंत स्यानाचट्टी के आस-पास के होटलों को खाली करा लिया गया। इसके बाद कुथनौर और खरादी में नदी किनारे बने घरों को भी खाली कराया गया है। वहीं खतरे को भांपते हुए स्थानीय निवासी स्वयं ही अपने मूल गांवों जैसे स्यालना, पुजारगांव, पाली और भंसाड़ी में चले गए है।