
राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया, (फोटो साभार : X@KirenRijiju)
राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया है। राज्यसभा के लिए नामित किए जाने वालों में मशहूर सरकारी वकील उज्ज्वल निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् सी. सदानंदन मस्ते , भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन का नाम शामिल है।
राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किए जाने पर सदानंदन मास्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा, “श्री सी. सदानंदन मास्टर का जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की प्रतिमूर्ति है। हिंसा और धमकी भी राष्ट्र विकास के प्रति उनके जज्बे को डिगा नहीं सकी।”
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, “एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं। युवा सशक्तिकरण के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता है। राष्ट्रपति जी द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई। सांसद के रूप में उनकी भूमिका के लिए शुभकामनाएँ।”
Shri C. Sadanandan Master’s life is the epitome of courage and refusal to bow to injustice. Violence and intimidation couldn’t deter his spirit towards national development. His efforts as a teacher and social worker are also commendable. He is extremely passionate towards youth…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 13, 2025
केरल के कन्नूर के रहने वाले सी. सदानंदन मास्टर एक सोशल एक्टिविस्ट और एजुकेशनिस्ट है। उन्होंने सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई है। 25 जनवरी, 1994 को कन्नूर जिले के पेरिंचरी में सी. सदानंदन मास्टर के आवास पर माकपा कार्यकर्ताओं ने हमला कर उनके दोनों पैर काट दिए थे। यह कीमत उन्हें वामपंथी विचारधारा छोड़ने के लिए चुकानी पड़ी थी।
The President of India has nominated Ujjwal Deorao Nikam, a renowned public prosecutor known for handling high-profile criminal cases; C. Sadanandan Maste, a veteran social worker and educationist from Kerala; Harsh Vardhan Shringla, former Foreign Secretary of India; and… pic.twitter.com/eN6ga5CsPw
— ANI (@ANI) July 13, 2025
पैर काटे जाने के चलते मास्टर सदानंदन चलने-फिरने में सक्षम नहीं रहे थे। उनका कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला। सदानंदन मास्टर को इसके बाद प्रोस्थेटिक लेग्स यानी नकली पैर लगाए गए। इस दर्दनाक घटना के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और शिक्षा और समाज सेवा में सक्रिय बने रहे। साथ ही उन्होंने केरल में भाजपा को खड़ा करने में भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
राज्यसभा के लिए नामित डॉक्टर मीनाक्षी जैन एक मशहूर हिस्टोरियन हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम किया। दिसंबर 2014 में, उन्हें इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च के सदस्य के रूप में नामित किया गया था। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2020 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
राज्यसभा के लिए मनोनीत हर्षवर्धन श्रृंगला 1984 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी है। वे भारत के बांग्लदेश में उच्चायुक्त भी रह चुके हैं और उन्होंने जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में भी कार्य किया है। हर्षवर्धन श्रृंगला संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है।
वहीं बड़े क्राइम केस संभालने के लिए मशहूर उज्ज्वल देवराव निकम देश के सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में विशेष सरकारी वकील रह चुके हैं। उन्हें सबसे ज्यादा पहचान मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी अजमल कसाब के मुकदमे में मिली, जिसमें उन्होंने सरकार का पक्ष प्रभावी तरीके से रखा।
इसके अलावा उज्ज्वल देवराव निकम वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों, प्रेरणा मर्डर केस और बहुचर्चित जलगंव सेक्स स्कैंडल जैसे मालमों में भी स्पेशल सरकारी वकील रहे हैं। उन्होंने अपने करियर में महाराष्ट्र सरकार की और से 600 से ज्यादा मामलों में पैरवी की है।
बता दें, कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(a) और खंड (3) के तहत इन शख्सियतों को मनोनीत किया है। पहले के मनोनीत सदस्यों के रिटायर होने से ये पद खाली हुए थे। राष्ट्रपति को देश का संविधान राज्यसभा में सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद 80(1)(a) और खंड (3) राष्ट्रपति को यह शक्ति देता है। संविधान का यह भाग राष्ट्रपति को राज्यसभा में सदस्यों को चुनने की अनुमति देता है।