 
                PM मोदी ने ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ पर देश को किया संबोधित, (फोटो साभार: X@Newz24_india)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात पहुँचे। पीएम मोदी ने एकता नगर में नर्मदा नदी पर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर ‘लौह पुरुष’ को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने एकता दिवस परेड का निरीक्षण भी किया, जिसमें विभिन्न सुरक्षा बलों की टुकड़ियों ने भाग लिया।
राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “हर ऐसी बात जो देश की एकता को कमजोर करती है। हर देशवासी को उससे दूर रहना है। ये राष्ट्रीय कर्तव्य है, यही सरदार साहब को सच्ची श्रद्धांजलि है। यही आज देश की जरूरत है। यही आज एकता दिवस का हर भारतीय के लिए संदेश भी है, संकल्प भी है।”
सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरदार पटेल मानते थे, कि इतिहास लिखने में समय नहीं गंवाना चाहिए, हमें तो इतिहास बनाने के लिए मेहनत करनी चाहिए। उनकी ये भावना हमें उनकी जीवनगाथा में दिखाई देती है। सरदार साहब ने जो नीतियां बनाई, जो निर्णय लिए, उन्होंने नया इतिहास रचा।”
Rashtriya Ekta Diwas reminds us of Sardar Patel's unmatched dedication to national unity and integration. May the spirit of oneness continue to guide our nation. https://t.co/S7Ad8zCz0B
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2025
पीएम मोदी ने कहा, “आजादी के बाद 550 से ज्यादा रियासतों को साथ जोड़ने के असंभव कार्य को उन्होंने संभव करके दिखा दिया। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था। सरदार साहब ने देश की संप्रभुता को सबसे ऊपर रखा, लेकिन दुर्भाग्य से सरदार साहब के निधन के बाद के वर्षों में देश की संप्रभुता को लेकर तब की सरकारों में उतनी गंभीरता नहीं रही।”
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “एक ओर कश्मीर में हुई गलतियां, दूसरी ओर पूर्वोत्तर में पैदा हुई समस्याएं और देश में जगह-जगह पनपा नक्सलवाद-माओवादी आतंक, ये देश की संप्रभुता को सीधी चुनौतियां थी, लेकिन उस समय की सरकारों ने सरदार साहब को नीतियों पर चलने की जगह रीढ़विहीन रवैये को चुना। इसका परिणाम देश ने हिंसा और रक्तपात के रूप में झेला।”
उन्होंने कहा, ”सरदार साहब चाहते थे, कि जैसे उन्होंने बाकी रियासतों का विलय किया, वैसे ही ओर कश्मीर का विलय हो, लेकिन नेहरू जी ने उनकी वो इच्छा पूरी नहीं होने दी। कश्मीर को अलग संविधान और अलग निशान से बांट दिया गया। कश्मीर पर कांग्रेस ने जो गलती की थी, उसकी आग में देश दशकों तक जलता रहा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा घुसपैठियों से भी है। देश के भीतर दशकों से विदेशी घुसपैठिए आते रहे, वो देश के संसाधनों पर कब्जा करते रहे, डेमोग्राफी का संतुलन बिगाड़ते रहे, देश की एकता दांव पर लगाते रहे, लेकिन पुरानी सरकारें इतनी बड़ी समस्या पर आंखें मूंदे रही। वोटबैंक की राजनीति के लिए राष्ट्र की सुरक्षा को जान-बूझकर खतरे में डाला गया।”
पीएम मोदी ने संबोधन में आगे कहा, कि इनको लगता है, कि देश एक बार टूट गया, आगे भी टूटता रहे, इनको कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि, सच्चाई ये है कि अगर देश की सुरक्षा और पहचान खतरे में आएगी, तो हर व्यक्ति खतरे में आएगा। इसलिए हमें आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर संकल्प लेना है, कि हम भारत में रह रहे हर घुसपैठिए को बाहर निकालकर ही रहेंगे।


 
                     
                     
                    