
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी हेट स्पीच मामले में दोष मुक्त,(फोटो साभार: X/@OpIndia_com)
यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपों से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दोष मुक्त कर दिया है। बता दें, कि वसीम रिजवी ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था। जिसके बाद उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह रखा गया।
सनातन धर्म को आत्मसात कर चुके जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी का हरिद्वार धर्म संसद में कथित हेट स्पीच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने विवादित भाषण की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह को जेल जाना पड़ा था। उन्हें इस मामले में काफी वक्त जेल में बिताने के बाद न्यायालय से जमानत मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने वर्ष 2021 में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा 10 गवाह पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने व साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त करार दिया है।
अदालत द्वारा दोष मुक्त दिए जाने के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह ने जेल में बिताए छह महीने को ‘आत्मबल की परीक्षा’ बताया। उन्होंने दावा किया, कि उन्हें छह महीने बेगुनाह होने के बावजूद जेल में रखा गया और जहर देने का प्रयास भी किया गया। उन्होंने कहा, कि मेरी जमानत रोकने के लिए बड़े बड़े वकीलों को खड़ा किया गया, यह सब मात्र इसलिए किया गया, क्योंकि मैंने एक मजहब को छोड़कर सनातन धर्म को स्वीकार किया है।
वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह ने बताया, कि आज भी उनका परिवार इस्लाम को मानता है, इसलिए उन्होंने अपनी वसीयत में अपनी मृत्यु के बाद अपने अंतिम संस्कार का अधिकार अपने तीन मित्रों को दिया है, जो सनातन परंपरा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करने के लिए अधिकृत हैं।