
इलाहाबाद हाईकोर्ट (चित्र साभार- जी न्यूज)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (3 जुलाई 2025) को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जुड़ी एक अहम याचिका को खारिज कर दिया। इस याचिका में हिंदू पक्ष ने भविष्य की सभी कार्यवाहियों में ‘ईदगाह मस्जिद’ को ‘विवादित संरचना’ के रूप में संदर्भित करने की मांग की थी। याचिका अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दायर की गई थी और इसे कई अन्य पक्षों का समर्थन भी मिला था।
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने इसे खारिज करते हुए कहा, कि मौजूद तथ्यों और याचिका के आधार पर मथुरा की शाही ईदगाह को फिलहाल विवादित ढांचा घोषित नहीं किया जा सकता है। जबकि, हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया, कि ईदगाह का निर्माण श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर स्थित अति प्राचीन मंदिर को तोड़कर किया गया था।
हिंदू पक्ष के अनुसार, हमने हाईकोर्ट के समक्ष कहा था, कि वहां पहले मंदिर था। उस स्थान पर मस्जिद होने का कोई साक्ष्य आज तक शाही ईदगाह मस्जिद पक्ष कोर्ट में पेश नहीं कर सका है। ऐसे में इस मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया जाए। जैसे कोर्ट ने अयोध्या मामले में अपना निर्णय देने से पहले बाबरी मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित किया था, उसी प्रकार शाही ईदगाह मस्जिद को भी विवादित ढांचा घोषित किया जाना चाहिए।
#WATCH | Prayagraj, Uttar Pradesh: On Allahabad High Court dismissing an application seeking to substitute the term 'Shahi Idgah Mosque' with 'disputed structure,' Advocate Saurabh Tiwari says, "The High Court has rejected the application of considering it as the disputed… pic.twitter.com/uXy4TXyvZi
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 4, 2025
जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने इसे खारिज करते हुए कहा, कि इस स्तर पर ऐसी माँग मंजूर नहीं की जा सकती। श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े 18 मुकदमे हाईकोर्ट में चल रहे हैं, जिनमें शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध अतिक्रमण बताकर हटाने की माँग है।फिलहाल, अब सबकी नजरें अगली सुनवाई पर टिकी है।
गौरतलब है, कि ये मामले पहले मथुरा की अदालत में थे, लेकिन मई 2023 में हाईकोर्ट ने इन्हें अपने पास ले लिया। हिंदू पक्ष का दावा है, कि 1669-70 में औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने मंदिर को तोड़कर 13.37 एकड़ जमीन पर मस्जिद का निर्माण करवाया था। हिंदू पक्ष पूरी जमीन को श्रीकृष्ण जन्मभूमि बताता है, जबकि मुस्लिम पक्ष इससे इंकार करता है।