(सांकेतिक चित्र)
धर्मनगरी ऋषिकेश स्थित प्रसिद्ध मंदिर नीलकंठ महादेव के लिए प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्रीय वाइल्डलाइफ बोर्ड से हरी झंडी मिल गई है। क्लीयरेंस मिलने के बाद कार्यदायी संस्था उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन सक्रिय हो गई है। ऋषिकेश स्थित नीलकंठ महादेव के लिए रोपवे प्रोजेक्ट की अब सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, जल्द ही यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता नजर आएगा।
कार्यदायी संस्था का कहना है, कि अभी नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड से क्लीयरेंस की औपचारिक सूचना उन्हें मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई है। हालांकि अधिकृत पत्राचार के साथ सूचना प्राप्त होने में 15 से 20 दिन लगेंगे और जैसे ही अधिकृत सूचना से संबंधित पत्राचार राज्य सरकार के साथ होता है, उसके बाद इस प्रोजेक्ट की आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
रोपवे प्रोजेक्ट ऋषिकेश बस अड्डे से होकर त्रिवेणी घाट और नीलकंठ महादेव से पार्वती माता मंदिर तक बनाया जाना प्रस्तावित है। इस रोपवे में केवल 2 स्टेशन होंगे। पहला स्टेशन त्रिवेणी घाट और दूसरा नीलकंठ महादेव मंदिर होगा। त्रिवेणी घाट से नीलकंठ महादेव की होरिजेंटल डिस्टेंस 4.1 किलो मीटर है जबकि एलिवेशन डिस्टेंस 614 मीटर है।
इस पूरे प्रोजेक्ट में तकरीबन 21 टावर प्रस्तावित है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण और संचालन से ऋषिकेश शहर से नीलकंठ महादेव की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के बाद स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। साथ ही नीलकंठ महादेव आने वाले श्रद्धालुओं को इस क्षेत्र के नैसर्गिक और भौगोलिक सुंदरता का मनोरम दृश्य देखने का अवसर मिलेगा।
बता दें, कि ऋषिकेश से 12 किमी ऊपर पहाड़ों पर घने जंगलों से घिरी एक पहाड़ी पर इस विष को पिया था। आज उस जगह पर नीलकंठ महादेव के नाम से प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है। यह जगह धार्मिक उत्साह, पौराणिक महत्व और खूबसूरत पहाड़ों से घिरी हुई है।

