
गंगोत्री धाम
कार्तिक माह की अन्नकूट (गोवर्धन पूजा) के दिन पूर्ण विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। इस दौरान धाम ‘हर-हर गंगे’ और ‘जय मां गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा। विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट 11 बजकर 36 मिनट पर बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा अपने मायके मुखबा में श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी।
कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की चल विग्रह डोली आर्मी के बैंड एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों की स्वरलहरियों तथा ‘गंगा मैया की जय’ के उद्घोष के साथ शीतकालीन प्रवास मुखबा (मुखीमठ) के लिए रवाना हुईं। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु धाम में उपस्थित रहे।
गंगोत्री धाम में प्रातः काल से ही मंत्रोच्चारण के साथ कपाट बंद किये जाने के लिए पूजन और अनुष्ठानों का दौर शुरू हो गया। वहीं तीर्थ पुरोहितों ने घाट पर मां गंगा का अभिषेक व आरती के साथ ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित सुधाशु सेमवाल ने बताया, कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की उत्सव डोली मुखबा गांव में विराजमान होगी।
गौरतलब है, कि गंगोत्री धाम के कपाट भले ही बंद हो जाएंगे, लेकिन मंदिर में तांबे के एक बड़े दीपक में अखंड जोत जलती रहेगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल ने बताया, कि मंदिर में तांबे के एक बहुत बड़े दीपक में तेल भरकर अखंड जोत जलाकर जाते हैं। जब अगले वर्ष अक्षय तृतीया पर धाम के कपाट खुलेंगे, तो वह अखंड जोत जलती हुई मिलती है।
वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारी भी पूरी हो गई है। मां यमुना की शीतकालीन यात्रा की तैयारी के बीच यमुनोत्री धाम और खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है। भैयादूज पर मां यमुना को लेने उनके भाई शनि देव यमुनोत्री धाम पहुंचेगे। जिसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली खरसाली गांव में आएंगी।
दरअसल, गंगोत्री समेत सभी धामों में 6 माह पूजा-अर्चना का अवसर नर यानी मनुष्यों को मिलता है। वहीं 6 महीने नारायण यानी स्वयं भगवान मां गंगा की पूजा-अर्चना के लिए धाम पहुंचते है। यही कारण है, कि शीतकाल के 6 माह गंगोत्री धाम पहुंचना आसान नहीं होता है। धाम की सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के कुछ जवान व मंदिर समिति के चार चौकीदार तैनात रहते है।
बता दें, कि इस यात्राकाल में गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 14,02,128 तीर्थयात्रियों का आगमन हुआ है। जिनमें यमुनोत्री धाम में आने वाले 6,44,366 और गंगोत्री धाम में आने वाले 75,7.762 तीर्थयात्री शामिल है।