
नेपाल में जेल तोड़ कर भागे हजारों कैदी, (चित्र साभार : X@kathmandupost)
राजनीतिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश नेपाल में हिंसा से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। Gen-Z युवाओं के नेतृत्व में भड़का आंदोलन उग्र होता जा रहा है। इसी बीच खबर आ रही है, कि नेपाल के कई इलाकों की जेलों से हजारों कैदी फरार हो गए है। इन घटनाओं के बाद नेपाल की आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसक प्रदर्शनों के बाद सेना ने कमान अपने हाथ में ले ली है और अराजकता के माहौल को देखते हुए पूरे देश में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने भारी उत्पात मचाया हुआ है। वहीं जेल ब्रेक की घटनाओं के मद्देनजर बिहार और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर भी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कास्की जिले से सबसे अधिक 773 कैदी भागे हैं। वहीं चितवन से 700, कैलाली से 612, जलेश्वर से 576 कैदी फरार हो गए हैं। इससे नेपाल में हिंसा का और भी वीभत्स रूप देखने को मिल सकता है। वहीं नेपाल के जलेश्वर से भागे 10 कैदियों ने भारत की सीमा में घुसने की भी कोशिश की, जिन्हें सीमा सुरक्षा बल ने पकड़ लिया। इनमें 8 नेपाली और 2 भारतीय नागरिक हैं।
Chaos in Nepal | Protesters target prisons, two massive jailbreaks reported: Army takes charge, curfew imposed nationwide
Tune in to LIVE TV for all the fastest #BREAKING alerts – https://t.co/QIs7e9vGYF pic.twitter.com/THravnOVUD
— Republic (@republic) September 10, 2025
वहीं पोखरा से भी चौंकाने वाली घटना सामने आई, यहां 900 कैदी जेल से भाग निकले। बताया जा रहा है, कि प्रदर्शनकारियों के जेल में घुसने के बाद पुलिस पीछे हट गई और मौके का फायदा उठाकर सभी कैदी आराम से फरार हो गए। काठमांडू की नक्खू जेल को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इस जेल में नेपाल के पूर्व गृहमंत्री रवि लामिछा लामिछाने बंद थे, जिन्हे उनके समर्थक जेल से निकालकर अपने साथ ले गए।
बता दें, कि बीते मंगलवार की देर रात बैरगनिया के निकटवर्ती नेपाल के रौतहट जिला मुख्यालय स्थित गौर में आंदोलनकारियों ने जेल ब्रेक कर जिला कारागार कार्यालय से 233 कैदियों को भगा दिया था। इस जेल में 291 कैदी थे। जेल ब्रेक के बाद बुधवार से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
गौरतलब है, कि सोमवार (8 सितंबर 2025) से सोशल मीडिया ऐप के बैन के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन के बाद नेपाल में भड़की हिंसा से हालात बिगड़ गए हैं। अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। पीएम ओली के इस्तीफे के बाद भी प्रदर्शनकारियों का आक्रोश खत्म नहीं हुआ है और वो अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।