
रामनगरी में हुई राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा (फोटो साभार: X/@myogiadityanath)
रामनगरी के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय उस समय जुड़ गया, जब गुरुवार (5 जून 2025) को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर राम मंदिर परिसर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा हुई। रामलला के बाद राम दरबार के साथ-साथ 8 देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए।
राम दरबार समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर सुबह 11:25 से 11:40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में हुई। गंगा दशहरा के दिन इसका सिद्ध योग भी बन रहा था। इसी दिन रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। गुरुवार सुबह छह बजे से अयोध्या और काशी के 101 आचार्यो द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया।
राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि श्री अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्री राम दरबार सहित अष्ट देवालयों में देव विग्रहों के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आज पूज्य साधु-संतों एवं धर्माचार्यों के पावन सान्निध्य में सहभाग का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। ‘रघुकुलनंदन’ की कृपा सकल संसार पर बनी रहे।”
रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि श्री अयोध्या धाम में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर श्री राम दरबार सहित अष्ट देवालयों में देव विग्रहों के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आज पूज्य साधु-संतों एवं… pic.twitter.com/uT9AmlFs1P
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 5, 2025
राम दरबार को गढ़ने वाले प्रख्यात मूर्तिकार सत्य नारायण पांडेय ने मीडिया को बताया, कि राम दरबार के निर्माण के लिए संगमरमर की जो शिला चयनित की गई, वह करीब 40 साल पुरानी है। उन्होंने बताया, कि नए संगमरमर के पत्थर उतने अच्छे नहीं मिल पा रहे हैं, इसलिए पत्थरों के चयन में छह महीने लग गए। इसके बाद आईआईटी हैदराबाद के वैज्ञानिकों की टीम ने इसकी गहन जांच की।
मूर्तिकार ने दावा किया, कि एक हजार साल तक राम दरबार की मूर्ति सुरक्षित रहेगी। इस पत्थर की विशेषता यह है, कि इसे जितना धोया जाएगा, स्नान कराया जाएगा, उतना ही इसकी चमक बढ़ेगी। उन्होंने कहा, कि राम दरबार का निर्माण जिस संगमरमर पत्थरों से हुआ है, वह न केवल मजबूती में अद्वितीय है, बल्कि उनमें जो चमक और दीप्ति है वह सदियों तक धूमिल नहीं होगी।