
सांकेतिक चित्र ((फोटो साभार: canva.com)
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के द्वारका कोर्ट में एक बेहद हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक दोषी महिला ने कोर्ट में अपने पक्ष में फैसला न सुनाये जाने पर महिला न्यायाधीश को ही धमका दिया। इस दौरान आरोपी महिला ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए जज पर कोई वस्तु फेंकने का प्रयास भी किया।
बार एण्ड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायिक मजिस्ट्रेट (एनआई एक्ट) शिवांगी मंगला ने आरोपी को नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 (चेक अनादर) के अंतर्गत दंडनीय अपराध के लिए दोषी ठहराया था। साथ ही, उसे अगली सुनवाई की तारीख पर धारा 437ए सीआरपीसी के तहत जमानत बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के द्वारका स्थित न्यायिक मजिस्ट्रेट ने छह साल पुराने एक चेक बाउंस मामले में दोषी महिला के खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद आरोपी महिला भड़क गई और उसने न्यायाधीश को धमकाते हुए कहा, “तू है क्या चीज है, …तू बाहर मिल, देखते है कैसे जिंदा घर जाती है।” जज ने अपने आदेश में भी इस घटना उल्लेख किया है।
न्यायाधीश ने दोषी महिला और उसके वकील के विरुद्ध मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करने और उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। उनका कहना है, कि आरोपित ने उन्हें धमकाया है, कि अगर उन्होंने दोषी को बरी नहीं किया, तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जाएगी और इस्तीफे के लिए मजबूर किया जाएगा।