
अपराध न्यूज
देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में स्थित विशेष बच्चों (मानसिक दिव्यांग) के एक प्री-प्रेपरेटरी बोर्डिंग स्कूल में दो भाइयों के यौन शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी स्कूल शिक्षक मोनूपाल के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए शनिवार को राज्य बाल आयोग की टीम ने स्कूल और हॉस्टल का निरीक्षण किया।
राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बताया, कि स्कूल का संचालन दिल्ली में पंजीकृत एक ट्रस्ट कर रहा है, जिसके लिए किसी प्रकार की शैक्षणिक मान्यता संबंधित प्राधिकरणों से नहीं ली गई है। बताया जा रहा है, कि बोर्डिंग स्कूल चार महीने पहले ही शुरू हुआ है। ऐसे में पुलिस प्रशासन इसकी भी जाँच कर रहा है, कि स्कूल मान्यता प्राप्त है भी, कि नहीं।
आयोग ने बताया, कि प्री-प्रेपरेटरी स्कूल की संचालिका नजदीक में किराए के एक भवन में मानसिक अक्षम बच्चों के लिए हॉस्टल चलाती है। टीम के निरीक्षण में हॉस्टल की स्थिति अत्यंत जर्जर मिली। वहां किसी भी प्रकार के सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। न ही उसके संचालन के लिए कोई वैधानिक अनुमति ली गई है।
जानकारी के अनुसार, मुरादाबाद निवासी एक महिला ने महीनेभर पहले ही अपने मानसिक रूप से कमजोर दो बेटों का दाखिला कारगी चौक स्थित प्री-प्रेपरेटरी बोर्डिंग स्कूल में कराया था। जिसमें एक की उम्र 13 वर्ष, जबकि दूसरे की उम्र 9 वर्ष है। महिला को अप्रैल महीने में गूगल के माध्यम से मानसिक दिव्यांग (आटिज्म) बच्चों के लिए स्कूल खुलने की जानकारी मिली थी।
बताया जा रहा है, कि दाखिला कराने के बाद स्कूल प्रबंधन ने महिला से संपर्क करना बंद कर दिया। एडमिशन के दो हफ्ते बाद जब महिला ने अपने बच्चों से मिलने की कोशिश की, तो उन्हें उनके बच्चों से मिलने नहीं दिया। महिला के अनुसार, बीते शुक्रवार को जब वह दोबारा देहरादून पहुंची और बच्चों से मिलने की जिद पर अड़ गई, तब जाकर स्कूल प्रबंधन ने उन्हें बच्चों से मिलने की अनुमति दी।
आरोप है, कि जब महिला ने बच्चों से अकेले में बात की, तो बच्चों ने रोते हुए बाहर जाने की जिद की। हॉस्टल से बाहर आने पर दोनों भाइयों ने बताया, कि एक शिक्षक मोनूपाल उनकी लोहे की रॉड से पिटाई करता है और पेट में लात मरता है। बच्चों ने बताया, कि मोनूपाल ने उन्हें कई बार सिगरेट से दागा और उनके साथ यौन शोषण किया।
बच्चों की बाते सुनकर मां के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने जब इस बारे में स्कूल प्रबंधन को सूचित किया, तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर महिला ने पटेलनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी मोनूपाल निवासी इंद्रपुर हेड़ी, थाना सहियाबाद, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश को हिरासत में ले लिया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपित 16 मई से हॉस्टल में कार्यरत था। उसका पुलिस सत्यापन (वेरिफिकेशन) भी नहीं कराया गया था। राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने बताया, कि फिलहाल प्री-प्रेपरेटरी स्कूल को बंद कर दिया गया है। बाल कल्याण समिति और संबंधित विभागों की निगरानी में इस पूरे प्रकरण की गहन जांच जारी है। उन्होंने बताया, कि सोमवार को आयोग स्कूल में पढ़ रहे अन्य 15 बच्चों से भी बातचीत करेगा।