
JNU ने लिया देशहित में बड़ा फैसला
पहलगाम में आतंकियों के हाथों हुए निर्दोष लोगों के नरसंहार के जवाब में भारत द्वारा किये गए सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करते हुए उसे रक्षा उपकरण उपलब्ध कराए थे। दरअसल, पाकिस्तान ने भारत पर जो ड्रोन हमले किये थे, उनमें से कुछ मेड इन तुर्की भी थे। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की के बहिष्कार की जबरदस्त मुहिम चल रही है।
तुर्की द्वारा आतंकी मुल्क पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने से भारत के नागरिकों में भारी गुस्सा है। तुर्की की इस नीयत का अब पूरे देश में कड़ा विरोध हो रहा है और आम लोगों के साथ-साथ शीर्ष नेता भी तुर्की के खिलाफ विरोध दर्ज कर रहे है। इसी क्रम में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने एक्स (X) पोस्ट पर जानकारी दी है, “जेएनयू ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्की के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता तोड़ दिया है। यह समझौता अकादमिक मामले में किया गया था। अब इसे निलंबित कर दिया है।
Due to National Security considerations, the MoU between JNU and Inonu University, Türkiye stands suspended until further notice.
JNU stands with the Nation. #NationFirst @rashtrapatibhvn @VPIndia @narendramodi @PMOIndia @AmitShah @DrSJaishankar @MEAIndia @EduMinOfIndia— Jawaharlal Nehru University (JNU) (@JNU_official_50) May 14, 2025
बताया जा रहा है, कि यह एमओयू बीती 3 फरवरी, 2025 को तीन वर्ष साल की अवधि के लिए किया गया था। इसमें छात्र और कई कोर्स के बीच तालमेल को लेकर योजना बनाई गई थी। इनोनू विश्वविद्यालय तुर्की के मालट्या में स्थित है और इस समझौते का उद्देश्य जेएनयू के साथ क्रॉस-कल्चरल रिसर्च और शैक्षणिक सहयोग को प्रोत्साहित करना था।
केंद्रीय विश्वविद्यालय ने यह फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के समय में लिया है। सैन्य टकराव के दौरान तुर्की के बनाए हथियार पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए। इसकी वजह से तुर्की के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की माँग उठी है। इस कड़ी में ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने भारतीय पर्यटकों को तुर्की की यात्रा न करने की सलाह जारी की है।