CM धामी ने 'प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन' का शुभारंभ किया, (फोटो साभार : X@DIPR_UK)
उत्तराखंड राज्य गठन को 25 साल पूर्ण होने के अवसर पर धामी सरकार 25वीं वर्षगांठ को रजत जयंती उत्सव के रूप में मना रही है। रजत जयंती के तहत प्रदेश भर में 1 नवंबर से 9 नवंबर तक तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड में बुधवार (5 नवंबर 2025) को दूसरी बार प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राजधानी देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष समारोह के अंतर्गत आयोजित ‘प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदाओं में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन भी रखा गया।
प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा, कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि की संस्कृति, परंपराओं और मातृभूमि के गौरव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं।
देवभूमि उत्तराखंड की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर 'प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन' में सम्मिलित होकर प्रवासी भाई-बहनों के योगदान को नमन किया। हमारे प्रवासी उत्तराखण्डी अपनी मेहनत और समर्पण से राज्य की संस्कृति और पहचान को देश-दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। pic.twitter.com/22J0E21dyt
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 5, 2025
सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखंड की विशिष्ट लोक संस्कृति, भाषा व बोली में झलकने वाली आत्मीयता हमें विश्वभर में जोड़ती है। प्रवासी उत्तराखंडी जहां भी रहते हैं, अपने साथ देवभूमि की संस्कृति और अपनी मिट्टी की सुगंध लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा, कि राज्य सरकार ने प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन इसी उद्देश्य से किया है, ताकि उनके सुझाव व अनुभव राज्य के विकास की मुख्यधारा में शामिल किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि प्रदेश के अनेक प्रवासी स्वयं अपने गांवों को गोद लेकर विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार “विकसित भारत, विकसित उत्तराखंड” के लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है। “एक जनपद दो उत्पाद”, “हाउस ऑफ हिमालयाज”, “स्टेट मिलेट मिशन”, “नई पर्यटन नीति”, “वेड इन उत्तराखंड” और “सौर स्वरोजगार योजना” जैसी योजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आई है।
उन्होंने कहा, कि राज्य ने सतत विकास लक्ष्यों में नीति आयोग की रैंकिंग में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” में उत्तराखंड को “एचीवर्स” तथा “स्टार्टअप रैंकिंग” में “लीडर्स” श्रेणी प्राप्त होना राज्य के सुनियोजित प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा, कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून लागू किया गया है।
सीएम धामी ने कहा, कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर कार्य कर रही है, जिसके तहत चार वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों से आह्वान किया, कि वे भी राज्य के इस विकास अभियान में भागीदार बनें।
कार्यक्रम में दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने सम्मेलन के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, कि उत्तराखण्ड हमारी आत्मा और संस्कृति की धरोहर है। वहीं राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, कि प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का यह दिन हमारी मिट्टी की महक, संस्कृति की आत्मा और अपनत्व का उत्सव है।
भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय में निदेशक पूर्णेश गुरूरानी ने कहा, कि उत्तराखंड में हिमालय फाइबर के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। इसके लिए केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इस अवसर पर फिल्म अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने बताया, कि उन्होंने रुद्रप्रयाग जनपद में अपने पैतृक गांव को गोद लिया है।
प्रवासी सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य की दिशा और दशा पर मंथन किया गया। सम्मेलन में तमाम सत्रों के जरिए अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्लानिंग, सर्कुलर इकोनामी, कल्चरल एक्सप्रेशंस ऑफ उत्तराखंड, एंपावरिंग वूमेन थ्रू लाइवलीहुड इन उत्तराखंड हिल्स, पब्लिक हेल्थ चैलेंजेस जैसे विषय शामिल रहे।
बता दें, कि प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन में 287 प्रवासियों ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से कुल 199 प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में शामिल हुए। प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के बीते 25 सालों की यात्रा की जानकारी प्रवासियों को दी गई।

