
कंगना रनौत, (फोटो साभार: @TimesAlgebraIND)
भारतीय सिनेमा जगत की दिग्गज अभिनेत्री व हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद कंगना रनौत को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कंगना रनौत की तरफ से दायर उस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने बठिंडा की अदालत में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की शिकायत को रद्द करने की मांग की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ दायर मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले में रुका हुआ ट्रायल फिर से शुरू हो जाएगा। न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने स्पष्ट किया, कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ धारा 499 और 500 आईपीसी के तहत अभियोग बनता है और मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन आदेश विधि सम्मत है।
दरअसल, यह विवाद किसान आंदोलन के दौरान कंगना के एक ‘एक्स’ पोस्ट से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने बुजुर्ग महिला मोहिंदर कौर की तस्वीर पर टिप्पणी की थी। कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा था, “हा हा हा यह वही दादी हैं जो टाइम मैगजीन में सबसे प्रभावशाली भारतीय के तौर पर आई थी। और यह 100 रुपये में उपलब्ध हैं।”
अभिनेत्री द्वारा रीट्वीट किये गए ट्वीट में बठिंडा निवासी महिंदर कौर की तस्वीर लगी थी। साल 2021 में मोहिंदर कौर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। शिकायतकर्त्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी, कि उन्हें गलत तरीके से दिल्ली की शाहीन बाग प्रदर्शनकारी महिला से जोड़कर उनकी छवि को धूमिल किया गया।
कंगना ने इस मामले में केस को रद्द करने की मांग करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए दलील दी थी, कि उनका ‘एक्स’ पोस्ट अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में था और इसमें मानहानि का कोई इरादा नहीं था। जिसे कंगना ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
कंगना के वकील ने कोर्ट में कहा, कि ट्वीट में उनके इरादे गलत नहीं थे और यह ट्वीट उन्होंने ‘गुड फेथ’ में किया था, लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। साथ ही, यह दलील भी खारिज कर दी गई कि केवल कंगना के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई जबकि मूल ट्वीट करने वाले गौतम यादव को शिकायत में शामिल नहीं किया गया।
हालांकि हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कंगना की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना, कि मानहानि का मामला प्रथम दृष्टया बनता है और इसे रद्द करने का कोई आधार नहीं है। अब इस फैसले के बाद कंगना को मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, अभी कंगना के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प मौजूद है।