
Dehradun crime news
देश के छह राज्यों में लव जिहाद और धर्मांतरण का संगठित रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का उत्तराखंड कनेक्शन सामने आने के बाद अब दून पुलिस आरोपितों के प्रदेश में कनेक्शन खंगालने में जुटी हुई है। पुलिस अभी तक उत्तराखंड में गिरोह चला रहे सहसपुर निवासी अब्दुल रहमान समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चुकी है। इनमें से तीन आरोपितों को यूपी पुलिस अरेस्ट कर चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देहरादून पुलिस अब इन आरोपितों को बी-वारंट पर दून लाने की तैयारी कर रही है, ताकि, उनसे पूछताछ के बाद पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा सके। बता दें, कि रानीपोखरी थाने में मतांतरण के प्रयास में पांच आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आरोपितों ने रानीपोखरी निवासी एक हिंदू युवती को इंस्टाग्राम पर संपर्क कर उसका धर्मांतरण करने की कोशिश की थी।
पुलिस के अनुसार, सहसपुर के शंकरपुर निवासी अब्दुल रहमान समेत अबु तालीव निवासी मुजफ्फरनगर और श्वेता निवासी गोवा को उत्तर प्रदेश की एटीएस गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि अयान और अमन निवासी दिल्ली अभी फरार बताए जा रहे है। बताया जा रहा है, कि धर्मांतरण का संगठित रैकेट चलाने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए यूपी व उत्तराखंड पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
दून पुलिस अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद आरोपितों के घरवालों से पूछताछ कर चुकी है। पुलिस यह जानकारी भी जुटा रही है, कि वो और किस-किस युवती से संपर्क में था और उनसे उनकी क्या बातें होती थी। इसी क्रम में दून पुलिस आरोपित अब्दुल रहमान को बी-वारंट पर लाने के बाद उनसे गहनता से पूछताछ करेगी, कि वो अब तक कितनों का धर्मांतरण करा चुका है?
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया, “दून पुलिस ने जिन आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है, उनमें से तीन को यूपी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने रिमांड पर लिया है। जेल में दाखिल होने के बाद देहरादून पुलिस बी-वारंट पर सभी आरोपितों को पूछताछ के लिए देहरादून लेकर आएगी।”
बता दें, कि धर्मांतरण का संगठित रैकेट चलाने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का गिरोह सुनियोजित प्लानिंग के साथ देश के छह राज्यों में हिंदू युवक- युवतियों का धर्म परिवर्तन करा रहा था। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपितों ने बताया, कि वो अपने एजेंटो के जरिये सोशल मीडिया पर शिकार की तलाश करते थे। इसके बाद एक-दो मैसेज भेज कर सामने वाले का रिएक्शन देखा जाता था।
पीड़ित द्वारा सकारात्मक रिस्पॉन्स मिलने के बाद गिरोह के सदस्य उसे इस्लामिक सामग्री उपलब्ध कराते थे। तीन-चार सालों तक पीड़ित की प्रतिक्रिया देखने के बाद पीड़ितों को कोलकाता में रहने वाले रीथ बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम के पास भेज दिया जाता था। वहीं कोलकाता पहुंचने वाले हिंदू युवक-युवतियों की जिम्मेदारी बैरकपुर के कोर्ट कर्मचारी शेखर उर्फ अली हसन की होती थी।
इसके बाद हिंदू युवक-युवतियों के धर्म परिवर्तन के लिए स्थानीय अखबार में वर्गीकृत विज्ञापन निकलवाकर काजी का प्रमाण पत्र और निकाह के अन्य दस्तावेज तैयार किये जाते थे। पुलिस इस मामलें में शेखर राय उर्फ अली हसन और रीथ बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम से भी पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है, कि जैसे-जैसे धर्मांतरण रैकेट की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे है। बताया जा रहा है, जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के संबंध दुश्मन देश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ भी सामने आये है। मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया, वो इस्लाम कबूल कर चुकी हिंदू युवतियों का निकाह नेपाल में आईएसआई एजेंटों और स्लीपर सेल के गुर्गों से कराना चाहता था।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में जलालुद्दीन ने काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास में आईएसआई एजेंटों के साथ एक बैठक भी की थी। इस बैठक में पाकिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ था। जिसमें आईएसआई के अधिकारी भी शामिल थे। इसके साथ ही जलालुद्दीन ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र का दौरा भी किया था।