
जहरीले साँप से भिड़ गयी डॉगी, (चित्र साभार: @DainikBhaskar)
मेरठ के दौराला में एक घर के डॉगी ने अपने प्राणो की परवाह किए बगैर जहरीले सांप से भिड़कर अपने मालिक की जान बचा ली। उसकी बहादुरी और वफादारी पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि सांप के काटने से कुत्ते की मौत हो गई। सांप रसल वाइपर प्रजाति का बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, मेरठ जिले के नगर पंचायत दौराला के वार्ड नंबर छह के मोहल्ला रामपुरी निवासी कल्लू के घर में घुसे अत्यधिक विषैले प्रजाति रसल वाइपर सांप से उनकी अमेरिकन बुल नस्ल का फीमेल डॉग (मिनी) भिड़ गई। इस लड़ाई के अंत में बेहद दुखद रहा और भारत के 4 बड़े विषैले सांपों में शामिल रसल वाइपर के लगातार डसने से कुत्ते की कुछ ही वक्त में मौत हो गई।
कल्लू सिंह ने बताया, कि उसके घर में एक सांप घुस आया था। इस दौरान घर के बरामदे में मौजूद उनका अमेरिकन बुल नस्ल का पालतू कुत्ता (मिनी) सांप से भिड़ गया। इस भिड़त में सांप ने डॉगी को शरीर में कई जगह डसकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। भौंकने की आवाज सुनकर जब वह बाहर आए, तो देखा, कुत्ता बेसुध पड़ा था और बगल में सांप फुंकार मार रहा था।
मेरठ : मालिक के बेटे को बचाने के लिए जहरीले साँप से भिड़ गयी डॉगी!
साँप ने 26 जगह डसा, डॉगी की मौत! pic.twitter.com/LfW1kQSYQ3— Vishal JyotiDev Agarwal ?? (@JyotiDevSpeaks) June 5, 2025
उन्होंने बताया, कि सांप ने मिनी को 26 बार काटा और जहर फैलने से 24 घंटे बाद डॉगी ने दम तोड़ दिया। इसके बाद सांप मित्र ने एक प्लास्टिक के डिब्बे में सांप को पकड़कर काली नदी में छोड़ दिया। सांप मित्र ने बताया, कि यह सांप रसल वाइपर प्रजाति का था। बता दें, कि सरधना रेंज क्षेत्र में 28 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं। जिनमें रसल वाइपर कोबरा और कोमनक्रथ जहरीले सांपों की श्रेणी में आते हैं।
स्नेक एक्सपर्ट चिंटू यादव के मुताबिक, रसल वाइपर का जहर इतना विषैला है, कि इसके काटने के बाद सिर्फ पांच मिनट में मौत हो सकती है। इस सांप का रंग मटमैले और भूरे रंग का होता है। साथ इसके शरीर पर चेक्स डिजाइन पाई जाती है। रसेल वाइपर भारतीय सांपों की तरह अंडे देने की बजाय सीधे बच्चे देता है, वो भी एक दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में, जिससे जहरीले सांपों की संख्या दोगुनी हो जाती है।
भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले रसेल वाइपर का वैज्ञानिक नाम Daboia russelii है। यह सांप एक मध्यम या बड़े आकार का होता है और इसका रंग पहले से ही उभरा होता है, जिससे यह आसानी से पहचाना जा सकता है। यह सांप स्वाभाविक रूप से वन्यजीवी और कृषि क्षेत्रों में पाया जाता है।
इसके डसने से शरीर में जहर बहुत तेजी से फैलता है। इसके बाद मसूड़ों, पेशाब और थूक में खून आने लगता है। रक्तचाप गिर जाता है और दिल की धड़कन कम होने लगती है। काटने की जगह पर छाले पड़ जाते हैं, जो गंभीर मामलों में पूरे शरीर में फैल जाते हैं और शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। कई बार तो पीड़ित को अस्पताल पहुंचने तक का मौका भी नहीं मिल पाता।