ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन और सुरंग बनकर तैयार केंद्र सरकार द्वारा अब उत्तरकाशी तक रेल पहुंचने की तैयारी।
केंद्र सरकार द्वारा रेल परियोजना को उत्तराखंड के चारधाम क्षेत्र को जोड़ने के लिए कमर कस चुकी है। राज्य के प्रमुख धाम बद्रीनाथ और केदारनाथ को रेल की पटरियों से जोड़ने के लिए ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम तेजी से शुरू हो गया है। जिनमे से एक रेलवे स्टेशन और सुरंग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। और पांच सुरंगों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
125 किलोमीटर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अधीन अपनी अलौकिक सुंदरता से मंत्रमुग्ध करता नव-निर्मित ‘योग नगरी ऋषिकेश’ रेलवे स्टेशन। pic.twitter.com/LB37j1CKHm
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 20, 2020
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए उत्तरकाशी तक रेल पहुंचाने की परियोजना पर भी गंभीरता से प्रयास शुरू हो गए हैं। डोईवाला से उत्तरकाशी व बड़कोट तक रेल परियोजना का सर्वे पूरा हो गया है। डोईवाला उत्तरकाशी बड़कोट रेलवे लाइन 122 किमी लंबी होगी, जिस पर 24 हजार करोड़ की लागत का अनुमान है।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साल 2025 तक तैयार होने की पूरी संभावना है। रेल परियोजना के कार्यो को 11 हिस्सों में विभाजित किया गया है। आने वाले दो तीन महीनों के अंदर रेल परियोजना से जुड़े सभी हिस्सों के लिए टेंडर जारी किये जायेगे। परियोजना में काम करने वाली सभी कम्पनिया इस रेल परियोजना पर एक साथ युद्धस्तर पर कार्य करेंगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि रेलवे लाइन से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी सहायक साबित होगी। उन्होंने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर गुलाब वाटिका विकसित करने का भी सुझाव दिया।