(सांकेतिक चित्र)
उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और मैदानी क्षेत्रों में कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार की रात से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे पर्वतीय जिलों के उच्च हिमालयी इलाकों में हल्की बर्फबारी, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के दस्तक से मौसम में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। हालांकि गुरुवार को ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। साथ ही कहीं-कहीं आंशिक बादल भी छाये रह सकते हैं। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के कुछ क्षेत्रों में घने कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
दिनांक 17.12.2025 को जारी उत्तराखंड राज्य हेतु मौसम पूर्वानुमान एवं चेतावनी pic.twitter.com/OSROaCXgRF
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) December 17, 2025
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है, कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का असर उत्तराखंड में 21 दिसंबर तक देखा जाएगा। इस दिन प्रदेश के उच्च पर्वतीय जिलों में मौसम करवट लेगा और कुछ स्थानों पर बहुत हल्की बारिश या बर्फबारी होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद आमतौर पर न्यूनतम तापमान में और गिरावट आती है, जिससे ठंड बढ़ जाती है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले चार-पांच दिनों में प्रदेश भर के न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि दिन के समय चटक धूप खिलने की वजह से ठंड कम लगेगी। वहीं इस सप्ताह बारिश के कोई आसार नहीं है, जबकि मौसम के करवट बदलने के कारण शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कोहरे की घनी चादर छा गई है।
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार पाला गिर रहा है, जिससे निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है। ठंड के अचानक बढ़ने से बुजुर्गों और बच्चों में खासी परेशानियां बढ़ गई हैं। बढ़ती तेज ठंड, शीतलहर और घने कोहरे के प्रकोप को देखते हुए लोगों को अपने कामकाज और रोजगार पर जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है, कि दिसंबर महीने के तीसरे सप्ताह शुरू होने के बाद भी केदारनाथ धाम में बर्फबारी नहीं हुई है। पिछले वर्षों तक धाम में इन दिनों तक पांच फिट से अधिक बर्फ गिर जाती थी, लेकिन इस बार केदारनाथ धाम में बर्फबारी नहीं होने से पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे श्रमिकों को कोरी ठंड का सामना करना पड़ रहा है।

