
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव उत्तराखंड, (सांकेतिक चित्र)
सोमवार (28 जुलाई 2025) को हरिद्वार जनपद को छोड़कर पूरे प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान प्रक्रिया सम्पन्न हुई। अब मतपेटियों में बंद प्रत्याशियों की किस्तम का फैसला 31 जुलाई को होगा। उसके बाद ही पता चलेगा की जनता ने किसको अपना प्रधान चुना है। बता दें, कि उत्तराखंड के 49 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 68% मतदान हुआ था।
दूसरे चरण में सदस्य ग्राम पंचायत के 933 पदों पर 1998 प्रत्याशी, प्रधान ग्राम पंचायत के 2726 पदों पर 7833 प्रत्याशी, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 1225 पदों पर 4214 प्रत्याशी, सदस्य जिला पंचायत के 14 पदों पर 716 प्रत्याशी मैदान में है। जबकि 21 लाख मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग कर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटियों में बंद किया।
दूसरे चरण की वोटिंग के लिए सुबह से ही लोगों के बीच भारी उत्साह नजर आया। सुबह 8 बजे से मतदाता मतदान केंद्रों पर जुटने लगे। कीर्तिनगर ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज किलकिलेश्वर में 108 वर्षीय मंगल सिंह नेगी निवासी गुठांई चौरास ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने बताया, कि वह पंचायत, विधानसभा, लोकसभा सभी चुनावों में वोट देते आए है।
बता दें, कि जिला पंचायत की कई सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे हैं, जिला पंचायत की सीट बीजेपी और कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बनी हुई है, इसीलिए दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में 24 जुलाई को 89 विकासखंडों में मतदान हुआ था। इसमें 68 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया।
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की राह आसान नहीं रही। पंचायतों का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो गया था। इसके बाद छह माह तक इसमें प्रशासक तैनात रखे गए। प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संवैधानिक संकट की स्थिति बनी। इसके बाद मामला कोर्ट तक भी पहुंचा। चुनाव तिथि तय हुई तो पहले मतदाता सूची और फिर प्रत्याशियों के नामांकन रद किए जाने के कारण फिर अदालत को दखल देना पड़ा।