
उत्तराखंड पुलिस का साइबर अपराधियों के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार',(फोटो साभार: @uttarakhandcops)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों के खिलाफ आरंभ किया गया “ऑपरेशन प्रहार” पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है। प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराध के विरुद्ध सीएम धामी ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में देशभर के कई राज्यों में छिपे साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
समाचार एजेंसी ANI की एक्स पोस्ट के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन प्रहार’ शुरू किया है, जिसके तहत 17 राज्यों में छापेमारी की गई। इस अभियान में 50 से अधिक साइबर अपराधियों पर कार्रवाई हुई है। जबकि 30 से ज्यादा भगोड़ों अपराधियों के घरों पर नोटिस चिपकाए गए है।
Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami has said that this is a proud moment for Uttarakhand. Securing second place in financial performance among small states is the result of our government's policies, hard work and public trust. We gave priority to financial discipline… pic.twitter.com/jABjj7NKTX
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 13, 2025
एसएसपी, एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया, कि उत्तराखंड पुलिस देश की पहली पुलिस है, जिसने साइबर अपराधियों के विरुद्ध इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। इससे साइबर अपराधियों को यह स्पष्ट संदेश गया है, कि वे कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, कि राज्य पुलिस का यह अभियान साइबर अपराध के खिलाफ एक निर्णायक कदम है।
इस उल्लेखनीय पहल से न सिर्फ आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित हो रही है, बल्कि अन्य राज्यों की पुलिस एजेंसियों के साथ समन्वय भी मजबूत हो रहा है। साइबर अपराधियों पर कार्रवाई के लिए एसपी एसटीएफ स्वप्न किशोर सिंह और डीएसपी साइबर अंकुश के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन किया गया है।
इसके साथ ही देहरादून और रुद्रपुर के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों की टीमों ने संयुक्त रूप से काम किया। इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए स्थानीय पुलिस, अन्य साइबर क्राइम यूनिट और तकनीकी एजेंसियों द्वारा जानकारी जुटाई गई।
उत्तराखंड पुलिस का 'ऑपरेशन प्रहार' |
-देश में पहली बार, एक साथ दिल्ली, UP, MP, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, HP, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, बंगाल, केरल, गोवा सहित 17 राज्यों में छापेमारी,
– 290 से अधिक साइबर अपराधियों पर कार्यवाही! pic.twitter.com/e6ZDF5vHEG— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) May 13, 2025
विशेष टीमों ने साइबर अपराधियों के पते, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया प्रोफाइल समेत अन्य डिजिटल साक्ष्यों की जानकारी एकत्रित की। जुटाए गए डाटा के आधार पर पुलिस ने 52 ऐसे अपराधियों की पहचान की, जो एक लंबे वक्त से फरार चल रहे थे और साइबर अपराध में शामिल थे। इन सभी को कानूनी नोटिस भेजे जा चुके है।
पुलिस के अनुसार, सात साइबर अपराधी को अन्य राज्यों की पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका हैं और वे वर्तमान में जेल में बंद हैं। इन अपराधियो के लिए B-वारंट प्राप्त किए गए हैं। अब इनसे राज्य पुलिस द्वारा पूछताछ की जाएगी। इसी क्रम में कोर्ट द्वारा जारी किए गए 6 जमानती वारंट भी तामील किए गए।
जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस को ज्ञात हुआ, कि 225 साइबर अपराधियों ने फर्जी नाम, पते और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंक में अकाउंट खुलवाए और मोबाइल सिम कार्ड खरीदे गए थे। इस संबंध में यह जानकारी अन्य राज्यों की पुलिस के साथ शेयर की गई है, ताकि वे भी अपराधियों पर कार्रवाई सुनिश्चित कर सकें।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विगत अप्रैल महीने में एसटीएफ ने देश के 28 राज्यों समेत केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष टीमें भेजी थी। इन टीमों को 200 से अधिक मामलों में शामिल 337 साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था। ‘ऑपरेशन प्रहार’ के पहले चरण में 272 साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा जाएगा। जबकि दूसरे चरण में 65 साइबर अपराधियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के अनुसार, दिल्ली (40) महाराष्ट्र (38) यूपी (28) राजस्थान (28) तमिलनाडु (25) पश्चिम बंगाल (18) कर्नाटक (17) गुजरात (16) नागालैंड (15) मध्य प्रदेश (14) तेलंगाना (11) केरल (10) आंध्र प्रदेश (10) बिहार (9) हरियाणा (8) पंजाब (7) असम (6) मणिपुर (6) मिजोरम (5) झारखंड (5) गोवा (5) ओडिशा (4) छत्तीसगढ़ (3) दिल्ली-एनसीआर (3) त्रिपुरा (2) दादरा नगर हवेली (1) मेघालय (1) हिमाचल प्रदेश (1) और उत्तराखंड में (1) साइबर अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, “साइबर अपराधियों ने हर दिन 46.57 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है। अधिकारियों का कहना है, कि साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस तंत्र पूरी तरह से तैयार हैं। साथ ही नागरिको को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि लोग साइबर ठगी का शिकार न बने।