
(सांकेतिक चित्र)
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने 82 लाख की ऑनलाइन ठगी का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश का लालच देता था। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी वैभव मनोज गाडगे ने इसी तरह लगभग 82 लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी व्हाट्सएप के जरिये पीड़ितों को ऑनलाइन ट्रेडिंग संबंधी मैसेज भेजता था, जिसमें वो खुद को एक जानी-मानी ट्रेडिंग कंपनी का एजेंट बताकर ऑनलाइन ट्रेंडिंग में निवेश कर मोटे मुनाफे का लालच देता था। इसी प्रकार आरोपी ने उधम सिंह नगर जिले के एक शख्स को भी अपने जाल में फंसाया था।
उत्तराखंड STF की साइबर थाना कुमाऊं टीम ने 82 लाख की ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी का पर्दाफाश किया। नागपुर (महाराष्ट्र) से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के खिलाफ 8 राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हैं।
अपील:
? फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम या ट्रेडिंग के झांसे में न आएं। pic.twitter.com/zvrd6eZwEs— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) June 11, 2025
साइबर ठग इसके बाद लोगों को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ देता था, जिनमें पहले से जुड़े लोग खुद के द्वारा निवेशित धनराशि पर प्राप्त लाभ संबंधी स्क्रीनशॉट शेयर करते थे, जिससे ग्रुप में जुड़े नए सदस्य इनके झांसे में आकर ऑनलाइन ट्रेडिंग में कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में अपनी रकम निवेश कर देते थे।
पीडितों द्वारा निवेश की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने के लिए आरोपी एक फर्जी ऐप का प्रयोग करते थे और उसके डैशबोर्ड पर पीडितों द्वारा निवेश की गयी रकम को भारी लाभ के साथ दिखाया जाता था, जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था, लेकिन पीड़ित को खुद के साथ हो रहे फर्जीवाड़े का तनिक भी अंदेशा नहीं हो पाता था।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया, कि साइबर ठगी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिस बैंक खातों का प्रयोग किया है उसमें मात्र 4-5 महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन होना पाया गया है।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया, कि जांच के दौरान यह जानकारी भी मिली है, कि आरोपी के बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 8 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिसके संबंध में जानकारी जुटाने के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।