
रुद्रप्रयाग के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई राहत सामग्री, (फोटो साभार: X@ETVBharatUK)
उत्तराखंड में मानसून के साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। इस कारण लगातार प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। पिछले तीन दिनों से जारी लगातार भारी बारिश कई जिलों में तबाही मचा रही है। वहीं बारिश के कारण आपदा प्रभावित इलाकों में खाने-पीने की सामग्री पहुंचाने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार 3 सितंबर को मौसम खुलने से जहां जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली, तो वहीं हेलीकॉप्टर के जरिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भी पहुंचाई गई। इसके साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, बिजली की आपूर्ति बहाल करने के साथ ही संपर्क मार्गों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, बुधवार को जैसे ही मौसम साफ हुआ, वैसे ही अगस्त्यमुनि खेल मैदान से हेलीकॉप्टर की मदद से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रसद सामग्री पहुंचाई गई। हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्र उछोला में राहत सामग्री एवं आवश्यक रसद की आपूर्ति पुनः शुरू की गई है। वहीं, अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी राहत सामग्री लगातार पहुंचाई जा रही है।
इसी क्रम में ग्राम पंचायत स्यूर सहित बकोला और बरसाल तोक के आपदा प्रभावित 60 परिवारों को उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी लीलाधर बिष्ट, पूर्ति निरीक्षक और ग्राम प्रधान माहेश्वरी नेगी की उपस्थिति में राशन किट एवं 5 सोलर लाइट वितरित की गई। साथ ही इमरजेंसी के लिए ग्रामीणों की मांग पर ग्राम प्रधान को दो बड़े टेंट भी उपलब्ध करवाए गए।
🚨 जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग हर कदम पर आपदा प्रभावितों के साथ
👉 ग्राम स्यूर सहित अन्य क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को 🍲 राशन किट व ⛺ टेंट वितरण किए गए।
👨⚕️ स्वास्थ्य सेवाएँ एवं क्षति आकलन हेतु टीमें लगातार ग्राउंड जीरो पर तैनात
🙏 स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार एवं जिला प्रशासन… pic.twitter.com/RXmdkSbu0e— DM Rudraprayag (@DmRudraprayag) September 3, 2025
वहीं तालजामण ग्राम के थपौनी तोक में पेयजल आपूर्ति पहुंचाने के लिए पीवीसी पाइप पहुंचाए जा रहे है। खाट-किमाणा क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई बहाल कर दी गई है। इसके साथ ही सुमाड़ी जल योजना का कार्य प्रगति पर है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मेडिकल कैंप भी लगाए जा रहे हैं। प्रशासन की सक्रियता से दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से पहुंचाई जा रही है।
बता दें, कि इस साल अभी तक उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में बादल फटने व अतिवृष्टि से पांच हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। प्रदेश में बारिश से जिस तरह के हालात बने, उसे देखते हुए नुकसान का आंकड़ा बढ़ सकता है। जिला स्तर पर डीएम के माध्यम से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।