
उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने ब्रांडेड दवा कंपनियों के नाम से नकली दवाई बनाने वाले गिरोह के सरगना को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपी उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों में नकली दवाईयां तैयार कर बाजार में सप्लाई कर रहा था। बता दें, कि गिरोह के एक अन्य साथी को एसटीएफ पहले ही सेलाकुई देहरादून से गिरफ्तार कर चुकी है।
उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने दवा कंपनियों के नाम से नकली दवाइयों को तैयार कर देश के अलग-अलग राज्यों में बेचने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की थी। एसटीएफ ने दवा कंपनियों के रैपर के नकली आउटर बॉक्स, लेबल और भारी मात्रा में क्यूआर कोड के साथ एक आरोपी संतोष को सेलाकुई देहरादून से गिरफ्तार किया था।
इस संबंध में एसटीएफ ने थाना सेलाकुई में मुकदमा भी दर्ज किया था। पूछताछ के दौरान आरोपी संतोष ने बताया, कि यह नकली आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड, राजस्थान में रहने वाले अक्षय के कहने पर छापकर उसको ट्रांसपोर्ट के जरिए राजस्थान भेजता था। एसटीएफ को संतोष से कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर भी मिले थे, जो उसके पकड़े जाने के बाद से लगातार बंद आ रहे थे।
एसटीएफ ने अक्षय के बारे में जानकारी जुटाई, तो सामने आया, कि अक्षय का असली नाम नवीन बसंल है, जो राजस्थान के भिवाड़ी में रहता है और अपनी पहचान छुपाकर मार्केट में दवाई बेच रहा था। जांच में सामने आया, कि नवीन के नाम पर कई दवाई फर्म रजिस्टर्ड हैं और फिलहाल वह अपने परिवार के साथ आशियाना गार्डन भिवाड़ी राजस्थान में रह रहा है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया, कि आरोपी नवीन बंसल देहरादून में संतोष कुमार से रैपर, नकली आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड आदि छपवाता है। उसके बाद सेलाकुई देहरादून, हिमाचल और चंडीगढ़ समेत अन्य राज्यों से ब्रांडेड दवाई कंपनियों की नकली दवाईयों की पैकेजिंग करवाकर उनको दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा आदि राज्यों में मार्केट में बेच देता है।
एसटीएफ अब इस बात का पता लगा रही है, नवीन बंसल के नकली दवाई बनाने वाले गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है, कि आरोपी के खिलाफ साल 2018 में दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा नकली दवाई बनाने वाली फैक्ट्री पकड़े जाने के संबंध में एक मुकदमा दर्ज है। इसी क्रम में एसटीएफ अन्य राज्यों से भी जानकारी जुटा रही है।