
विजिलेंस टीम ने सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते दबोचा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सतर्कता अधिष्ठान की टीम को एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। देहरादून में विजिलेंस की टीम ने पटेलनगर थाने की आईएसबीटी चौकी प्रभारी देवेश खुगशाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। विजिलेंस की टीम द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
न्यूज एजेंसी ANI की एक्स पोस्ट के अनुसार, शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून में एक शिकायत दर्ज कराई थी, कि उनके मित्र और अन्य तीन लोगों के खिलाफ जावेद नाम के शख्स ने बजांरावाला देहरादून में भूमि विवाद से संबंधित एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया है। जिसकी जांच आईएसबीटी चौकी इंचार्ज देवेश खुगशाल कर रहे थे।
Dehradun | The team of the Vigilance Establishment today arrested the ISBT outpost in-charge Sub Inspector Devendra Khugshal of Patel Nagar police station area in Dehradun red-handed while taking a bribe of Rs 1 lakh. It was informed by the complainant that the investigation of a… pic.twitter.com/dO66stKvn2
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 14, 2025
आरोप है, कि चौकी इंचार्ज देवेश खुगशाल ने शिकायतकर्ता को धमकाया, कि वो उसके दोस्तों को गैंगस्टर एक्ट में जेल में बंद करा देगा। आरोपी ने भय दिखाकर जांच से उसके दोस्तों का नाम हटाए जाने के एवज में 5 लाख रुपए रिश्वत की मांग की। उसने पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये लेकर अपने पास बुलाया था। हालांकि पीड़ित और उसके दोस्त रिश्वत नहीं देना चाहते थे।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने चौकी इंचार्ज के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत का संज्ञान लेते हुए सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून ने मामले की जांच की और मामला सही पाए जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार, जैसे ही शिकायतकर्ता ने यह रकम चौकी इंचार्ज खुगशाल को थमाई, टीम ने उसे दबोच लिया।
विजिलेंस की टीम ने आरोपित खुगशाल के कार्यालय की भी एक घंटे तक तलाशी ली। साथ ही उसके घर को भी खंगाला गया। निदेशक सतर्कता वी मुरुगेशन ने जानकारी दी, कि इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। आरोपी को गुरुवार को विशेष न्यायालय विजिलेंस में पेश किया जाएगा। उन्होंने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत किये जाने की घोषणा भी की।
डायरेक्टर विजिलेंस डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया, कि भ्रष्टाचार के मामलों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलेरेंस की नीति है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए विजिलेंस की टीम तत्काल कार्रवाई करती है। बता दें, कि बीते मंगलवार को भी धनोल्टी तहसील के नाजिर विरेंद्र सिंह कैंतुरा को रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय में पेश किये जाने के बाद आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के संकल्प पर दृढ़ है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी जनता का शोषण करेगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। जनता को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत सतर्कता अधिष्ठान की टीम को एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। सतर्कता अधिष्ठान की टीम ने आज देहरादून स्थित पटेलनगर थाना क्षेत्र के आईएसबीटी चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक देवेश खुगशाल…
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) May 14, 2025
बता दें, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2022 में सरकार गठन के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी थी। इस क्रम में उन्होंने टोल फ्री नंबर 1064 की शुरुआत की। हेल्प लाइन नंबर जारी होने के तुरंत बाद ही इस नंबर पर हजारों की संख्या में भ्रष्टाचार की शिकायतें आने लगी। इन्हीं शिकायतों के आधार पर तीन साल के भीतर 150 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों पर विजिलेंस ने कार्रवाई की है।
वहीं इस वर्ष अभी तक 10 आरोपियों को रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है। धामी सरकार ने पिछले साल विजिलेंस के लिए एक करोड़ रुपये के रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था भी की थी। सरकार की इस पहल से रिश्वत की रकम को पीड़ित को जल्द वापस कर दी जाती है। इसी कड़ी में पिछले दिनों कुछ शिकायतकर्ताओं को उनकी ट्रैप मनी वापस भी मिल चुकी है।