
सांकेतिक चित्र
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सतर्कता अधिष्ठान की टीम को एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ जारी मुहिम के तहत गुरुवार 28 अगस्त को विजिलेंस टीम ने सतपुली के उपकोषाधिकारी कौशल कुमार को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए दबोचा। इस कार्रवाई से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक, सतपुली निवासी रविंद्र रावत ने देहरादून स्थित विजिलेंस मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, कि जून-जुलाई माह में डोर-टू-डोर कचरा एकत्रीकरण का लगभग 10 लाख रुपये का बिल पास कराने के एवज में उपकोषाधिकारी द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायतकर्ता के अनुसार, बिल पास करने के एवज में उनसे प्रतिशत के हिसाब से अवैध धन देने का दबाव बनाया गया।
शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए विजिलेंस ने शिकायत की जांच की। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई। जिसके बाद कार्रवाई के लिए सतपुली में ट्रैप ऑपरेशन चलाया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विजिलेंस टीम के कहने पर उपकोषाधिकारी कौशल कुमार को रिश्वत देने के लिए सहमति जताई।
बताया जा रहा है, कि उपकोषाधिकारी कौशल कुमार ने शिकायतकर्ता को अपने कार्यालय बुलाने के बजाय किराए के मकान में रिश्वत लेकर बुलाया था। इस पर विजिलेंस की टीम ने योजना बनाकर गुरुवार को आरोपी उपकोषाधिकारी को उसके किराए के मकान से नकद 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते वक्त रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस टीम ने मौके से बरामद राशि को कब्जे में लेकर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं उपकोषाधिकारी की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही विभागीय और प्रशासनिक तंत्र में खलबली मच गई। विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया जाएगा। साथ ही आरोपी से संबंधित अन्य मामलों की भी जांच की जाएगी।
बता दें, कि मुख्यमंत्री धामी ने वर्ष 2022 में सरकार गठन के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी थी। इस क्रम में उन्होंने टोल फ्री नंबर 1064 की शुरुआत की। हेल्प लाइन नंबर जारी होने के तुरंत बाद ही इस नंबर पर हजारों की संख्या में भ्रष्टाचार की शिकायतें आने लगी। निदेशक विजिलेंस वी मुरुगेशन ने बताया, कि नागरिकों की शिकायत पर विजिलेंस विभाग की टीमें लगातार कार्रवाई कर रही है