
CM धामी ने रामपुर तिराहा गोलीकांड की 31वीं बरसी पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
रामपुर तिराहा कांड की 31वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार (2 अक्टूबर 2025) को उत्तराखंड आंदोलन के बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने मुजफ्फरनगर स्थित रामपुर तिराहा शहीद स्थल पहुंचे। इस अवसर पर सीएम धामी ने शहीद स्मारक के लिए अपनी भूमि दान करने वाले स्व. महावीर शर्मा जी के योगदान को चिरस्थाई बनाने के लिए उनकी मूर्ति का अनावरण भी किया।
मुख्यमंत्री धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए सबसे पहले रामपुर तिराहा गोलीकांड की बरसी पर वीर शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया। उन्होंने कहा, कि 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहे पर घटित हुआ गोलीकांड उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास का सबसे क्रूर व जख्म देने वाले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा।
सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा, “आज भी रामपुर तिराहे गोलीकांड की बर्बरतापूर्ण व महिलाओं की अस्मिता पर किए गए मानवीय अत्याचारों को याद करके प्रत्येक उत्तराखंडवासी की आत्मा व्यथित हो उठती है।
"आज भी रामपुर तिराहे गोलीकांड की बर्बरतापूर्ण व महिलाओं की अस्मिता पर किए गए मानवीय अत्याचारों को याद करके प्रत्येक उत्तराखंडवासी की आत्मा व्यथित हो उठती है।" : माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी। pic.twitter.com/mZl80TYYKE
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) October 2, 2025
उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड की अस्मिता की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर जिस तरह से तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने निर्ममता के साथ अत्याचार किया, उन अत्याचारों से मिले घाव आज भी हरे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, कि यह गोलीकांड तत्कालीन समाजवादी सरकार की दमनकारी नीति का प्रमाण है, जिन्होंने महिलाओं की अस्मिता को तार-तार किया और शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया।
2 अक्टूबर 1994 की घटना उत्तराखण्ड आंदोलन के इतिहास का सबसे काला दिन है। उस समय की समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने के लिए क्रूरतापूर्ण दमन का सहारा लिया। निर्दोष आंदोलनकारियों पर की गई गोलीबारी ने न केवल अनेक परिवारों को शोक संतप्त किया बल्कि पूरे उत्तराखण्ड… pic.twitter.com/IkKC6XHN8E
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उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड राज्य हमारे आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान का प्रतिफल है। हमारी सरकार उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न को साकार करने के लिए कृत संकल्पित होकर राज्य के समग्र विकास की दिशा में कार्य कर रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन में हमारी मातृशक्ति की विशेष भूमिका रही। राज्य के विकास में भी महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है, इसी दृष्टिगत हमारी सरकार द्वारा राज्य की सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया।
उन्होंने कहा, कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न के अनुरूप हमारी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया है। इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल रहे हैं।
"शहीद राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न के अनुरूप हमारी सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून लागू किया है। इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार मिल रहे हैं।" : माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी। pic.twitter.com/VzHanQ1nKp
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मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि प्रदेश के युवाओं को पूर्ण पारदर्शिता के साथ समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून हमारी सरकार ने लागू किया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले 4 वर्षों में 25,000 से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त की है, जो अपने आप में राज्य के इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
सीएम धामी ने कहा, “हमारी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए सरकारी नौकरी में 10% का क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। हमने शहीद आंदोलनकारी परिवारों के लिए ₹3000 मासिक पेंशन भी शुरू की है। घायल व जेल में रहे आंदोलनकारियों के लिए ₹6000 व सक्रिय आंदोलनकारियों के लिए ₹4500 मासिक पेंशन दी जा रही है।”
उन्होंने कहा, कि हमारी सरकार ने चिन्हित आंदोलनकारियों के पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित किया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, कि देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने की चिंता हमारे राज्य आंदोलनकारियों की भी थी। हमारी सरकार ने देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए पूरे संकल्प के साथ सख्त धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी कानून, लैंड जिहाद, लव जिहाद व थूक जिहाद के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की है।
सीएम धामी ने कहा, कि लैंड जिहाद माफिया प्रदेश में अपना हरा, पीला, नीला कपड़ा डालकर हमारी जमीनों पर लगातार कब्जा कर रहे थे। हमने प्रदेश में संगठित लैंड जिहाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए 9,000 एकड़ से अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।”
उन्होंने कहा, कि हमारी सरकार ने एक नया कानून लाकर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात 1 जुलाई 2026 के बाद वही मदरसे संचालित हो पाएंगे जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि हमारी सरकार ने राज्य में अवैध रूप से संचालित 250 से अधिक मदरसों को बंद कराया है। हमारा प्रयास है कि राज्य में शिक्षा के नाम पर बच्चों को कबीलाई मानसिकता की ओर न धकेला जाए। उन्होंने कहा, कि हमारी सरकार ने ऑपरेशन कालनेमि चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जो भोले-भाले लोगों की धार्मिक भावनाओं से खेलकर उन्हें छलने का काम करते हैं।
सीएम धामी ने कहा, “भ्रष्टाचार के विरुद्ध हमारी सरकार ने कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की है। अब भ्रष्टाचार की मछली, छोटी हो या बड़ी, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई हमारी सरकार ने की है। राज्य के इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार में लिप्त उच्च अधिकारियों से लेकर अन्य कर्मचारियों को सलाखों के पीछे ले जाने का कार्य किया गया। हम भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री धामी ने स्थानीय निवासियों का भी हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा, कि एक समय जब तत्कालीन समाजवादी सरकार आंदोलनकारियों पर अत्याचार कर रही थी, तब स्थानीय निवासियों ने आंदोलनकारियों को संरक्षण देते हुए उनकी सहायता की थी।