
CM धामी ने खटीमा गोलीकांड के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी, (फोटो साभार: X@DIPR_UK)
खटीमा गोलीकांड की 31वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार (1 सितंबर 2025) को खटीमा में उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के दौरान बलिदान हुए आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके आश्रितों तथा राज्य आन्दोलनकारियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज का दिन उत्तराखंड राज्य आन्दोलन के दौरान खटीमा गोलीकांड में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानियों भगवान सिंह सिरौला, प्रताप सिंह, रामपाल, सलीम अहमद, गोपीचंद, धर्मानन्द भट्ट और परमजीत सिंह को स्मरण करने का दिन है। उत्तराखंड का हर नागरिक इन सभी वीर सपूतों का सदैव ऋणी रहेगा।”
राज्य आन्दोलन के अपने अनुभवों को याद करते हुए सीएम धामी ने कहा, कि इस घटना ने लोगों को उत्तराखंड के अधिकारों की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, कि हम सभी मिलकर उनके सपनों के उत्तराखंड का निर्माण करें, यही उनके लिए हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “सरकार राज्य आंदोलनकारियों के आदर्शों और उनके सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए राज्य सरकार की नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज खटीमा में उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान शहीद हुए आन्दोलनकारियों की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके आश्रितों तथा राज्य… pic.twitter.com/zsjQzI0PFL
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) September 1, 2025
उन्होंने कहा, कि शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए ₹3 हजार मासिक पेंशन की सुविधा भी शुरू की है, साथ ही घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को ₹6,000 और सक्रिय आंदोलनकारियों को ₹4,500 प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।”
सीएम धामी ने कहा, कि नए कानून के अंतर्गत चिह्नित आंदोलनकारियों की परित्यक्ता, विधवा और तलाकशुदा पुत्रियों को भी इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित भी किया गया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि उत्तराखंड के आंदोलन में नारी शक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, उन्होंने आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। राज्य निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका को देखते हुए ही राज्य सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है।
बता दें, कि 1 सितंबर 1994 के दिन अविभाजित उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव की पुलिस ने खटीमा में शांतिपूर्वक जुलूस निकाल रहे आंदोलनकारियों पर ताबड़तोड़ गोलियां दाग दी थी। खटीमा गोलीकांड में 7 राज्य आंदोलनकारी बलिदान हो गए थे। इस खौफनाक त्रासदी ने पूरे उत्तराखंड की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था।