
एम्स ऋषिकेश, (फोटो साभार:X@aiimsrishi)
अखिल भारतीय आयुर्वेविज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के चिकित्सकों की टीम ने 27 वर्षीय युवक के पैर से 35 किलो के बेहद भारी-भरकम और बड़े ट्यूमर को सर्जरी की मदद से हटाने में सफलता प्राप्त की है। एम्स ऋषिकेश प्रशासन के अनुसार, इतने बड़े आकार के ट्यूमर की कामयाब सर्जरी संभवतः अभी तक अपने देश में पहला रिकॉर्ड है।
जानकारी के अनुसार, यूपी के संभल जिले का रहने वाला सलमान वर्ष 2018 से बोन ट्यूमर की बीमारी से ग्रस्त था। उसे करीब 6 साल पहले अपने बाएं पैर की जांघ में छोटी गांठ होने का आभास हुआ। जो वक्त बीतने के साथ-साथ एक बड़े कद्दू की साइज का ट्यूमर बन गया। यूपी और दिल्ली के कई अस्पतालों में इलाज करवाने के बाद वो ठीक होने की आस में वर्ष 2025 में एम्स ऋषिकेश पहुंचा।
एम्स ऋषिकेश में कई मेडिकल परीक्षणों के बाद ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टरों की टीम ने उसके बाएं पैर की जांघ पर बने ट्यूमर को 9 जून को सर्जरी के जरिए सफलतापूर्वक हटा दिया। एम्स ऋषिकेश प्रशासन के अनुसार, मरीज अब वार्ड में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है, जिसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
एम्स ऋषिकेश के डाॅक्टरों की टीम एक 27 वर्षीय व्यक्ति के पैर से 35 किलो वजनी विशाल ट्यूमर को सर्जरी की मदद से हटाने में सफल रही। बहुत ही घातक रूप ले चुके इस कैंसर युक्त बोन ट्यूमर की सर्जरी की सफलता के पीछे संस्थान के अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सकों का टीम वर्क और रोगी का मजबूत हौसला… pic.twitter.com/1qI3h69hfg
— AIIMS RISHIKESH (@aiimsrishi) June 24, 2025
इस उपलब्धि पर एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर बी सत्या ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी। कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, कि अनुभवी डाक्टरों की टीम की वजह से संस्थान लाइलाज और गंभीर रोगों का उपचार करने में भी सक्षम है।
इस संबंध एम्स ऋषिकेश के ऑर्थोपेडिक विभाग के सर्जन डॉक्टर मोहित धींगरा ने बताया, कि अप्रत्याशित साइज और भारी वजन होने के कारण ट्यूमर को हटाना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी। ट्यूमर के कैंसर में बदलने और आकर बढ़ने की वजह से उस स्थान पर खून का दौरा और रक्त वाहनी में भी परिवर्तन हो गया था।
उन्होंने बताया, कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए ऑर्थो के अलावा सीटीवीएस विभाग और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सर्जन को भी टीम में शामिल किया गया। निकाले गए बोन ट्यूमर का साइज 53×24×19 इंच और वजन 34 किलो 700 ग्राम है।