नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ, सीएम धामी की युवाओं से अपील
केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ते नशे पर लगाम लगाए जाने को लेकर साल 2020 में नशामुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी देवभूमि में ‘ड्रग फ्री उत्तराखंड’ अभियान शुरू किया था। नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ को लेकर मंगलवार को देहरादून में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ भी दिलाई, साथ ही स्कूल कॉलेजों में राज्य स्तर पर आयोजित भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया।
मुख्य सेवक सदन में 'नशा मुक्त भारत अभियान' के 05 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित किया। इस अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान के कैलेंडर का विमोचन करने के साथ ही राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया एवं ड्रग्स… pic.twitter.com/7DcACHdpm8
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 18, 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशामुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कैंप कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में युवाओं से अपील की, “वो स्वयं भी नशे को पूरी मजबूती के साथ ‘ना’ कहें, साथ ही अपने साथियों को भी नशे के लिए ‘ना’ कहने के लिए प्रेरित करें।”
सीएम धामी ने नशामुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूर्ण होने की बधाई देते हुए कहा, कि नशे के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कर्मवीरों के सहयोग से आज समाज नशे की भयावह समस्या से मुकाबला करने में सक्षम हो रहा है। उन्होंने कहा, कि नशा केवल एक बुरी आदत नहीं, बल्कि समाज को भीतर से खोखला करने वाली एक भयावह चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि यह घातक प्रवृत्ति व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय लेने की क्षमता को नष्ट कर उसके पूरे भविष्य को विनाश की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से राज्य सरकार भी नशे के विरुद्ध इस महाअभियान के अंतर्गत “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के संकल्प को साकार करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर कार्य कर रही है।
सीएम धामी ने बताया, कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय Anti-Narcotics Task Force (ANTF) का गठन किया गया। फोर्स ने बीते तीन वर्ष में 6 हजार से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए ₹200 करोड़ से अधिक के नारकोटिक्स पदार्थ भी बरामद किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, कि सरकार नशे की प्रवृत्ति को रोकने, नशाग्रस्त व्यक्तियों को पुनः मुख्यधारा से जोड़ने तथा उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बना रही है। वर्तमान में प्रदेश में चार Integrated Rehabilitation Centre for Addicts (IRCA) सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं, जो नशा पीड़ित व्यक्तियों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएँ प्रदान कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, AIIMS ऋषिकेश की सहायता से राज्य में Addiction Treatment Facility (ATF) का संचालन भी किया जा रहा है। इसी तरह राज्य के प्रत्येक जनपद के शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग कमेटियों का गठन किया गया है।
सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखण्ड की गौरवशाली पहचान “ऐपण कला” को भी इस अभियान से जोड़ा गया है, आज नशा-विरोधी संदेशों से सुसज्जित ‘ऐपण’ पेंटिंग्स हमारे शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों की शोभा बढ़ा रही है। साथ ही युवाओं को नशे से दूर रखने और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए राज्य में ‘दगड़िया क्लब’ भी बनाए हैं।
