
विजिलेंस टीम ने सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते दबोचा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल किया जा रहा है। इसी क्रम में विजिलेंस विभाग की टीम ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए धनौल्टी तहसील में जमीन के दाखिला-खारिज के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए तहसील नाजिर वीरेंद्र सिंह कैंतुरा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
समाचार एजेंसी ANI की एक्स पोस्ट के अनुसार, विजिलेंस टीम ने टिहरी के धनौल्टी तहसील में नियुक्त कर्मचारी को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। विजिलेंस देहरादून की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसके आवास की भी तलाशी ली। साथ ही आरोपी से उसकी अन्य स्थानों पर चल-अचल संपत्ति के संबंध में भी पूछताछ की जा रही है।
Under the leadership of Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami, the policy of zero tolerance against corruption is being strictly implemented in the state. The vigilance team has taken another major action and arrested Tehsil Nazir Virendra Singh Kaintura red handed while… pic.twitter.com/oF3P4gG0pf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 13, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिकायतकर्ता ने विजिलेंस विभाग देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी, कि उसकी पत्नी ने 31 जनवरी 2025 को थत्यूड़ जौनपुर जिला टिहरी गढ़वाल में लगभग 1500 वर्ग मीटर भूमि खरीदी थी। जिसकी दाखिल खारिज पत्रावली में तहसील में नाजिर के पद पर तैनात बीरेंद्र सिंह कैंतुरा द्वारा जानबूझकर गलत आपत्ति रिपोर्ट लगाई जा रही है।
आरोप है, कि बीरेंद्र सिंह कैंतुरा शिकायतकर्ता से सही रिपोर्ट और दाखिल खारिज में नाम चढ़ाने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून की ट्रैप टीम ने नियमानुसार कार्रवाई करते हुए मंगलवार (13 मई 2025) को आरोपी बीरेंद्र सिंह कैंतुरा, तहसील धनौल्टी जिला टिहरी गढ़वाल को पीड़ित से 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते धनौल्टी तहसील स्थित कर्मचारी के कार्यालय से गिरफ्तार किया।
निदेशक सतर्कता वी मुरुगेशन ने जानकारी दी है, कि विजिलेंस विभाग की ट्रैप टीम ने जमीन के दाखिला-खारिज के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते तहसील के नाजिर बीरेंद्र सिंह कैंतुरा को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उन्होंने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा भी की है। बता दें, कि विजिलेंस विभाग बीते तीन सालों में 150 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेज चुका है।