हत्या के एक 28 वर्ष पुराने मामले में न्यायलय द्वारा निर्णय सुनाया गया है। यह मामला सिस्टर अभया के क़त्ल से जुड़ा है। केरल के तिरुवनंतपुरम की सीबीआई न्यायलय द्वारा हत्या के लिए चर्च के एक पादरी एवं नन को अपराध के लिए दोषी ठहराया है।
दरअसल केरल के कोटायम के एक कॉन्वेंट में नन रहीं 21 वर्षीय सिस्टर अभया की 1992 में संदिग्ध परिस्थिति में मृत्यु हो गयी थी। सिस्टर का शव कान्वेंट के परिसर में स्थित एक कुए में प्राप्त हुआ था। उस वक्त स्थानीय पुलिस द्वारा जांच पड़ताल के बाद इस क़त्ल को आत्महत्या करार दे दिया गया था। परन्तु जनाक्रोश के कारण मामला सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया।
सीबीआई ने अपनी जांच में यह माना की यह आत्महत्या नहीं वरन हत्या का मामला है। सीबीआई द्वारा इस मामले में पादरी थॉमस कोटूर और नन सैफी को आरोपी बनाया गया है। इन पर आरोप है, कि जब सिस्टर अभया द्वारा इन दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया तो इन लोगो ने उसके सर पर भारी वस्तु से प्रहार कर दिया।
सिस्टर अभया हमले से बेहोश हो गयी। जिसके बाद उन दोनों ने सिस्टर को बेहोशी की हालत में ही कुए में फेक दिया और कुए में सिस्टर की तड़प तड़प के मृत्यु हो गयी। इसके बाद दोनों आरोपियों ने इस घटना को खुदखुशी की शक्ल देने की कोशिश भी की।
सीबीआई ने इस मामले में कई लोगो से तफ्तीश की और दोनों आरोपियों का नार्को टेस्ट भी करवाया। इसके बाद वैज्ञानिक एवं अन्य जांच पड़ताल के आधार पर सीबीआई द्वारा 2009 में अदालत में अपनी चार्जशीट दायर की और अब जाके इस मामले में न्ययालय का निर्णय आया है।