पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज जी द्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र’ संकल्पना के संबंध में यह दावा किया है, कि यदि भारत स्वयं को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दे, तो विश्व के अन्य पंद्रह राष्ट्र भी अगले एक साल में यही कदम उठाएंगे।
अन्य पंद्रह राष्ट्रों के प्रतिनिधियों से वार्ता के बाद किया यह ‘दावा’
पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के अवसर पर गंगासागर मेले पर शाही स्नान करने के लिए आए, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा कहा गया, कि उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मॉरीशस, भूटान समेत अन्य 15 राष्ट्र के प्रतिनिधियों से वार्ता हुई है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है, v कि यदि भारत स्वयं को हिंदू राष्ट्र घोषित करता है, तो वे भी इस दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के उत्पीड़न पर नाराजगी जताई
शंकराचार्य द्वारा बांग्लादेश में हिंदू देवी – देवताओं की प्रतिमा खंडित किये जाने पर रोष प्रकट करते हुए कहा, कि जब भारत में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित रह सकता है, तो बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित क्यों नहीं रह सकते है। शंकराचार्य द्वारा कहा गया, कि स्वतंत्र भारत की समीक्षा करने पर ये साबित होता है, कि भारत ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी युवा सामर्थ्य, रक्षा और वाणिज्य शक्ति का सही उपयोग किया है। उन्होंने कहा, कि सनातन धर्म संस्कृति को उच्च स्थान पर रखकर यदि सरकार राष्ट्रहित और जगत कल्याण में यह निर्णय लेगी, तो सम्पूर्ण मानव जगत का उद्धार होगा।
एकमात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल की वर्तमान स्थिति पर जताई चिंता
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, स्वामी निश्चलानंद सरस्वती द्वारा विश्व के एकमात्र हिंदू राष्ट्र नेपाल के विषय में कहा, कि नेपाल अब चीन के हाथों की कठपुतली बनता जा रहा है। इस विषय पर उन्होंने वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए मौजूदा विदेश नीति को कमजोर बताया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच आयोजित गंगासागर मेले पर पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य जी द्वारा कहा गया, कि कोरोना को वह समझ नहीं पा रहे है, कि राजनीतिक आयोजनों के दौरान महामारी कम हो जाती है, जबकि धार्मिक पर्वो पर ये महामारी बढ़ जाती है।